पूर्व मंत्री और भरतपुर के पूर्व महाराजा विश्वेंद्र सिंह सिंह के पुत्र अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह पूरा मामला पूर्व महाराजा सूरजमल की प्रॉपर्टी को लेकर है। पूर्व महाराजा विश्वेंद्र सिंह पर आरोप लगाए कि उन्होंने पूरी प्रॉपर्टी बेच दी है। उन्होंने डॉक्यूमेंट पर हमारे फर्जी सिग्नेचर भी कराए। एक मोती महल है, जिसे बेचना चाहते थे और उसे बचाने के लिए यह पूरा मामला बना है। मोती महल महारानी दिव्या सिंह के नाम है और उनके नाम से पट्टा भी है।
रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व महाराजा विश्वेंद्र सिंह को हमने लोगों से मिलने से नहीं रोका है। उनके सोशल मीडिया एकाउंट पर जाकर देख सकते हैं। वह लोगों से मुलाकात करते हैं और उन्होंने जो मारपीट के आरोप लगाए हैं, उस समय गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। उनके साथ कैसे मारपीट हो सकती है। अगर मारपीट होती तो पुलिस में भी मामला दर्ज होता। वह खुद ही 3 साल में महल नहीं आए। हम लोगों की पर्सनल लाइफ है। हम लोगों के फाइनेंस सक्सेज से दिक्कत है, तो हम कुछ नहीं कर सकते।
मरते दम तक नहीं बिकने दूंगी मोती महल: दिव्या सिंह
रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मंत्री और पूर्व महाराजा विश्वेंद्र सिंह की पत्नी दिव्या सिंह ने कहा कि मुझे पता है मैंने 30 साल में क्या क्या देखा है। जब एक मां के के साथ अत्याचार और अन्याय होता है, तो उसका बेटा साथ देता है तो अच्छी बात है। मेरा काम पुस्तैनी जायदाद की रक्षा करना है और मैं मरते दम तक मोती महल को बेचने नहीं दूंगी। हालांकि हमारे द्वारा सभी सबूत कोर्ट में पेश कर दिए गए हैं और इस पर फैसला शीघ्र आने वाला है।