राजस्थान के धौलपुर ज़िला अपने बदहाल स्थिति में जीने को मजबूर है। यहाँ के स्थानीय निवासी गंदगी, सड़ा हुआ पानी और आवारा पशुओं के आतंक से त्रस्त है। प्रशासन को यहाँ की समस्या लेने की सुध भी हैं। बंद कमरों में बैठे प्रशासनिक अधिकारी गहरी नींद में सोये हुए है। यहाँ के स्थानीय निवासियों के कई बार इस संबंध में कलेक्टर को शिकायत भी कर दी लेकिन पता नहीं इस ज़िले के हालात कब सुधरेंगे।
नेशनल हाईवे रोड पर आगरा से ग्वालियर रोड़ पर फ़्लाईओवर के दोनों तरफ़ सर्विस लेन पर सड़को पर गहरे गड्डे और धौलपुर में फ़्लाई ओवर के दोनों तरफ़ गंदगी का अंबार लगा हुआ है। यह बारिश का पानी इकट्ठा हो जाता हैं। सड़कों में गहरें गड्डे इस कदर हैं कि कभी भी किसी के साथ दुर्घटना हो सकती हैं। देश के सड़क एव राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी देश को मज़बूत सड़क इन्फ़्रास्ट्रैक्चर देने के लिए दिन रात लगे हुए हैं तो दूसरी तरफ़ NHAI और स्थानीय प्रशासन को इन सबसे कोई मतलब नहीं। ना तो सड़क पर मरम्मतीकरण किया जाता है और ना ही इस बारे में कोई अधिकारी किसी तरह की कार्यवाही करता नज़र आया हैं। इस मामले में कई बार NHAI के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया जा चुका हैं, लेकिन हालत जस्व के तस हैं। अधिकारियों को अपनी जिम्मदारी समझ कर इस समस्या को निस्तारित करना चाहिए।
बारिश के जमें हुए पानी से मच्छरों के मज़े हो जाते हैं के यहाँ के निवासियों के अस्पतालों के चक्कर लगने शुरू हो जाते हैं लेकिन ये सब देखते हुए यहाँ का स्वास्थ्य विभाग भी सोया हुआ हैं। यहाँ बेतरतीब ट्रैफ़िक की समस्या से रोज़ाना यहाँ वाहनों की लंबी क़तारें लगना आम बात हैं। सर्विस लेन के दोनों तरफ़ अव्यवस्थित यातायात स्थानीय वासियों के गले का फाँस बना हुआ हैं इसको लेकर ना तो यातायात विभाग की और से मुकम्मल इंतेज़ामात है और जो है वो किसी काम के नहीं ।
सवाल यह भी उठता है कि जब सरकार ने इन अधिकारियों को ज़िले में काम करने के लिये लगाया हैं तो ये अधिकारी यहाँ काम करते कौनसा है। दिनभर एसी के बंद कमरों में सिर्फ़ कुर्सिया तोड़ने भर से महीने की तनख्वाव उठाने में इन्हें ज़रा सी भी शर्म महसूस नहीं होती।