Saturday, October 12, 2024

आरएसएस ने कहा-जातीय जनगणना हो, लेकिन राजनीति से दूर हो

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने जातीय जनगणना कराने, लेकिन इसे राजनीति से दूर रखने को कहा है। केरल के पलक्कड़ में आयोजित तीन दिवसीय बैठक के आखिरी दिन संघ ने जातीय जनगणना की गेंद सरकार के पाले में डाल दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने जातीय जनगणना कराने, लेकिन इसे राजनीति से दूर रखने को कहा है। केरल के पलक्कड़ में आयोजित तीन दिवसीय बैठक के आखिरी दिन संघ ने जातीय जनगणना की गेंद सरकार के पाले में डाल दी। 

संघ ने अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि अगर पिछड़े समाज के कल्याण के लिए जातीय जनगणना करने की जरूरत है, तो सरकार इसे करा सकती है। पर इसका चुनावी इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में जाति एक संवेदनशील मुद्दा है और यह राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना सिर्फ समुदायों और जातियों के कल्याण के लिए होनी चाहिए। चुनाव प्रचार में इसका राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। 

बैठक में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा और देश में महिला के खिलाफ उत्पीड़न पर भी विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में भाजपा समेत 32 अनुषांगिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद आरएसएस के सभी संगठनों की यह पहली समन्वय बैठक है। इसमें जातीय राजनीति और सामाजिक चुनौतियों से मुकाबले के लिए पंच परिवर्तन का आह्वान किया गया। बैठक में तय किया गया कि देश के लोगों को अपने राष्ट्र के गौरव के साथ कर्तव्यों के लिए भी तैयार करना जरूरी है, इसके लिए पंच परिवर्तन का संकल्प लिया गया। बैठक में नागरिक कर्तव्य, कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्रीय स्वत्व देशव्यापी परिवर्तन अभियान चलाने पर सहमते बनी।

सुनील आंबेकर ने बताया कि समन्वय बैठक में बांग्लादेश की स्थिति पर विभिन्न संगठनों ने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। यह बहुत संवेदनशील मुद्दा है। बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों को लेकर हर कोई चिंतित है। आरएसएस ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ बातचीत करने का आग्रह किया है। बैठक में कोलकाता रेप केस और महिला अपराध पर भी चर्चा हुई। पश्चिम बंगाल में एक महिला डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना की निंदा की गई तथा इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया गया।

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