आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत शनिवार को अपने चार दिवसीय प्रवास के पहले दिन गणपति विहार की विनायक तरुण व्यवसायी शाखा में शामिल हुए। उन्होंने स्वयंसेवकों को नियमित रूप से शाखाओं में भाग लेने और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का संदेश दिया। भागवत ने जोर देकर कहा कि शाखाएं समाज में समरसता और एकता को मजबूत करने का प्रमुख साधन हैं।
समाज को तोड़ने की साजिश पर चिंता व्यक्त
शाखा टोली की बैठक में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि समाज को जातियों में बांटकर राष्ट्र को तोड़ने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि समाज में असमानता और छुआछूत के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। यदि कहीं ऐसा होता है, तो स्वयंसेवकों को इसे रोकने के लिए सक्रिय रूप से आगे आना चाहिए।
एकजुटता और समरसता का संदेश
भागवत ने कहा कि स्वयंसेवकों को व्यक्ति को व्यक्ति से जोड़ने की भावना से काम करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज को एकजुट रखने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि देश में कुछ ताकतें ऐसी हैं जो समाज में बिखराव पैदा करने की कोशिश कर रही हैं, और ऐसे समय में स्वयंसेवकों को इन विभाजनकारी ताकतों का मुकाबला करना चाहिए और समाज में शांति और एकता बनाए रखने के लिए आगे आना चाहिए।
भागवत का यह संदेश राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सिद्धांतों के अनुरूप समाज में समरसता और एकजुटता की भावना को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।