Sunday, October 13, 2024

सदियों पुराना नाम भारत को मिलेगा वापस, भारत को मिलेगी पुरानी पहचान,संविधान संशोधन के बाद बदल जाएगा नाम

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भरत के नाम से पड़ा था भारत

ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार भारतवर्ष नाम ऋषभदेव के पुत्र भरत के नाम पर पड़ा है। हमारे प्राचीन वेद पुराणों के अनुसार नाभिराज के पुत्र भगवान ऋषभदेव के पुत्र भरत चक्रवर्ती के नाम पर इस देश का नाम भारतवर्ष पड़ा। हिन्दू ग्रन्थ, स्कन्द पुराण (अध्याय 37) के अनुसार “ऋषभदेव नाभिराज के पुत्र थे, ऋषभ के पुत्र भरत थे, और इनके ही नाम पर इस देश का नाम “भारतवर्ष” पड़ा। भारत को भारतवर्ष, जम्बूद्वीप, भारतखण्ड, आर्यावर्त, हिन्दुस्तान, हिन्द, अल-हिन्द, ग्यागर, फग्युल, तियानझू, होडू आदि अन्य नामों से भी जाना जाता है।

करीब दो शताब्दी बाद एक बार फिर से भारत इंडिया से भारत बनने जा रहा है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इसकी तैयारी कर ली है। आने वाले संसद सत्र में इसको बिल के जरिए कानून बनाकर भाजपा सरकार विरोधियों के चुनावी गठबंधन ‘इंडिया’ को बड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है। गौर करने वाली बात यह है कि इसी महीने की 18 से 22 तारीख तक पांच दिन का विशेष संसद सत्र बुलाया गया है, जिसका ऐजेंडा साफ नहीं होने के कारण केवल कयास ही लगाए जा रहे थे, लेकिन केंद्र सरकर ने जी20 की बैठक के दौरान दिए जाने वाले डिनर में ‘इंडिया के राष्ट्रपति’ के ​बजाए ‘भारत के राष्ट्रपति’ लिखकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं।

पहली बार ‘द प्रेसिडेंट ऑफ़ भारत’

भारत सरकार की ओर से जारी एक नोटिफिकेशन में ‘द प्रेसिउेंट ओफ इंडिया’ की जगह पहली बार ‘द प्रेसिडेंट ओफ भारत’ लिखा गया है। इसका मतलब यह है कि केंद्र सरकार जल्द ही इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल कर उसको बिल के जरिए कानून बनाने का काम भी कर सकती है।

इधर संघ प्रमुख भागवत ने कहा उधर हुई पालना

दरअसल, दो दिन पहले ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी कहा था कि अब भारत को इंडिया कहना बंद करना चाहिए। भारतीयों को भारत कहने से अपनेपन का अहसास होगा, तभी सभी लोग इससे जुड़ पाएंगे। मोहन भागवत के बयान के बाद दो दिन में जो नोटिफिकेशन जारी हुआ है, उसमें इंडिया की जगह भारत का जिक्र किया गया है।

अंग्रेजों ने रखा था इंडिया

भारत में व्यापार करने की अनुमति लेकर आयी ईस्ट इंडिया कंपनी जब भारत आई, तब उन्होंने सोची समझी साज़िश के तहत भारत का नाम अंग्रेज सरकार ने इंडिया रख दिया था , उनका मानना था जी भारत को उसकी सांस्कृतिक और संस्कारों से दूर कर दिया जाये। करीब 200 साल की गुलामी के दौरान भारत को अंग्रेजी शासन ने इंडिया ही कहा। इसके बाद 1947 में जब भारत आजाद हुआ, तब संविधान में भी ‘इंडिया, जो कि भारत’ नाम से संबोधित किया गया है। यानी मोटे तौर पर देखा जाए तो यदि इंडिया शब्द को हटाना है तो सरकार को संविधान में संशोधन करना होगा,और ये अब संभव होता दिखायी से रहा हैं।

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