राजस्थान सरकार की ओर से पिछले 5 सालो से लगातार मांग किए जाने के बावजूद “राजस्थान इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा बोर्ड” का गठन नहीं किए जाने के विरोध में आज जयपुर में शहीद स्मारक पर प्रदेश के इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों द्वारा धरना दिया गया।
धरना- प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों ने सरकार के सामने इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड गठन करने, बोर्ड के रजिस्ट्रार की नियुक्ति पुनः करने, सरकार द्वारा आवंटित बोर्ड कार्यलय का सुचारू संचालन करने, इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों का पंजीयन प्रारंभ करने, इलेक्ट्रोपैथी शिक्षा हेतु महाविद्यालय संचालन, अनुसंधान हेतु इलेक्ट्रोपैथी रिसर्च सेंटर की स्थापना एवं जनता को सुविधा मिल सके इसलिए सरकार द्वारा इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सालय खोले जाने तथा विधानसभा में उठने वाले प्रश्नों के गलत तथ्यों के आधार पर उत्तर बनाने वाले विभाग के अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई हो सहित आठ सूत्री मांगे रखी।
इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष हेमंत सेठिया ने जानकारी देते हुए बताया कि इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड गठन किए जाने से राज्य में इस चिकित्सा पद्धति का विकास होगा और इससे जनता को सरल सुरक्षित एवं सस्ती चिकित्सा मिलेगी। आज दुनियाभर में हर्बल दवाओं से उपचार का प्रचलन बढ़ा है। क्योंकि जीवनशैली जनित बढ़ते हुए रोगों में हर्बल दवाएं कारगर पाई जा रही है। सरकार को भी विचार करना चाहिए कि बढ़ते हुए रक्तचाप, डायबिटीज, थायराइड, मोटापा, मानसिक रोग एवं हार्मोन संबंधी रोगों के उपचार में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा सहायक हो रही है तो इसे बढ़ावा क्यों नहीं देना चाहिए? जबकि यह एक पूर्ण रूपेण हर्बल एवं हानि रहित चिकित्सा पद्धति है।
धरने के दौरान इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक गोविंद लाल सैनी, लुनेश मालवीय, देवराज पुरोहित, पूजा कसेरा, हरि सिंह बुमरा श्याम सुंदर पाटोदिया, योगेश आहरी, सोहनलाल जाट, सुरेश जांगिड़, राजेश आचार्य आदि ने अपना विचार रखते हुए कहा कि पिछले 5 साल से राजस्थान सरकार से इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड गठन की मांग की जा रही है जिसका अभी तक कोई परिणाम नहीं आया है। यह चुनावी वर्ष है हम सरकार को कहना चाहते हैं कि जनता के हित में इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड गठन की मांग शीघ्र पूरी की जाए नहीं तो राज्य भर के इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक लाखों लोगों से संपर्क कर इस चुनावी वर्ष में वोट से चोट देने की बात करेंगे।
जयपुर प्रभारी इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक रमेश सैनी ने बताया कि एक माह पूर्व सभी जिलों के जिला कलेक्टर महोदय के माध्यम से मुख्यमंत्री जी को भेजे गए ज्ञापन का भी कोई परिणाम नहीं आया है अतः सरकार का इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड गठन की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए यह सत्याग्रह किया जा रहा है। इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड लागू नहीं होने के कारण प्रदेश के चिकित्सक भारी आक्रोश में है।