Thursday, December 26, 2024

ईडी की छापेमारी में 11.03 करोड़ और 6.50 करोड़ का सोना जब्त, एसीएस सुबोध अग्रवाल और जलदाय मंत्री डॉ. जोशी के ओएसडी को दिल्ली किया जा सकता है तलब !

Must read

जल जीवन मिशन घोटालों के मामले में ईडी की टीम ने छापेमारी में जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल सहित कई अधिकारियों के आवास और कार्यालय पर देर रात तक सर्च किया। ईडी ने 26 जगहों पर छापेमारी में अब तक 11.03 करोड़ नकद और अन्य सामान जब्त किया है। इसमें 6.50 करोड़ का सोना भी शामिल है।

ईडी के अधिकारियों ने नगदी और जब्त दस्तावेजों को जयपुर ईडी मुख्यालय में जमा करवा दिया है। कुछ गैजेट्स और डायरी को लेकर टीम दिल्ली गई। अब ईडी जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल और जलदाय मंत्री डॉ.महेश जोशी के ओएसडी संजय अग्रवाल को पूछताछ के लिए दिल्ली बुला सकती है।

ईडी ने जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर 3 नवंबर को 26 जगहों पर छापेमारी की थी। इसमें जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के आवास और कार्यालय में तलाशी ली गई। तलाशी अभियान के दौरान 48 लाख रुपए और 1.73 करोड़ का बैंक बैलेंस, 2.21 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं।

जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के निजी सहायक से महेश नगर इलाके में हुई पूछताछ के बाद कई दस्तावेज भी मिले हैं। इसमें जल जीवन मिशन घोटाले से जुड़े दस्तावेज और डायरी हैं। जयपुर और दिल्ली के ईडी अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह 6 बजे से छापेमारी करना शुरू किया था। छापेमारी के बाद तलाशी अभियान रात करीब 12 बजे तक चला था। 

18 घंटे के इस तलाशी अभियान में ईडी को तीन डायरी, एक पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क मिली है। प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बड़ाया के करीबी प्रॉपर्टी डीलर रामवतार शर्मा के आवास से 45 लाख रुपए मिले हैं।ईडी ने जगतपुरा में जमीनों पर निवेश के दस्तावेज, प्रॉपर्टी डीलर आलोक खंडेलवाल के प्रॉपर्टी में किए गए निवेश के दस्तावेज जब्त किए हैं। ये लोग जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के करीबी हैं। जोधपुर के एक प्रॉपर्टी कारोबारी के घर से भी ईडी को दस्तावेज मिले हैं।

ईडी ने 2 महीने पहले भी जयपुर में अलग-अलग जगह छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान ढाई करोड़ रुपए और सोने की ईंट मिली थी। ईडी को संजय बड़ाया और कल्याण सिंह के घर से कई दस्तावेज भी मिले थे। इसके बाद जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल का नाम सामने आया था।

उल्लेखनीय है कि ग्रामीण पेयजल योजना के तहत सभी ग्रामीण इलाकों में पेयजल की व्यवस्था होनी थी। जिस का खर्चा राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को 50-50 प्रतिशत करना था। इस योजना के तहत डीआई डक्टर आयरन पाइपलाइन डाली जानी थी। जबकि एचडीपीई की पाइप लाइन डाली गई। पुरानी पाइप लाइन को नया बता कर पैसा लिया गया, जांच में सामने आया कि जमीन में पाइप लाइन डाली ही नहीं गई। 

जांच में सामने आया कि कई किलोमीटर तक आज भी पानी लाइन डाली ही नहीं गई है, लेकिन उसका ठेकेदारों ने जलदाय विभाग के अधिकारियों से मिल कर पैसा उठा लिया। जांच में यह भी सामने आया कि ठेकेदार पदमचंद जैन हरियाणा से चोरी के पाइप लेकर आया। उसे नया पाइप बता कर बिछा दिया और सरकार से करोड़ों रुपए ले लिए। ठेकेदार पदमचंद जैन ने फर्जी कंपनी के सर्टिफिकेट लगाकर टेंडर लिया, जिसकी अधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी उसे टेंडर दिया गया।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article