मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में उद्योग की अपार संभावनाएं हैं। एक उद्योग की स्थापना से पूरे क्षेत्र का विकास होता है। उद्यमी न केवल रोजगार प्रदाता है बल्कि आपणो अग्रणी राजस्थान की नींव तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार उद्योगपतियों से प्राप्त सुझावों के आधार पर इस तरह का बजट लाएगी जिसमें राज्य का 2047 तक का विजन शामिल होगा।
मुख्यमंत्री शर्मा बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में बजट पूर्व चर्चा के दौरान उद्योग, व्यापार एवं कर सलाहकार संघों के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूरे देश के उद्योगपति राज्य में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं। राज्य सरकार उद्योगों के लिए इस तरह का वातावरण तैयार करेगी जिसमें उद्योगपति को सभी तरह की सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिल सकें। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार उद्योगों को अधिक से अधिक प्रोत्साहित कर रोजगार सृजन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लघु उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान राज्य सरकार की प्राथमिकता है। सरकार लघु एवं कुटीर उद्योगां को बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्पित है।
उद्योगों के लिए बिजली की कमी नहीं आने दी जाएगी
बैठक में कुछ उद्यमियों द्वारा उठाई गई बिजली की कमी की समस्या पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने 6 माह के कार्यकाल में ही बिजली आपूर्ति के लिए ऐतिहासिक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। साथ ही, सौर ऊर्जा एवं कुसुम योजना को भी राज्य सरकार लगातार प्रोत्साहित कर रही है। इन योजनाओं के धरातल पर उतरने के बाद उद्योगों में बिजली आपूर्ति की समस्या से निजात मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा हजारों करोड़ों का घाटा बिजली के क्षेत्र में किया गया। उस सरकार द्वारा अगस्त-सितंबर में बिजली खरीदी गई जिसके फलस्वरूप हमें मई-जून की भीषण गर्मी में उधारी चुकानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हाल ही में किए गए निर्णयों से भविष्य में उद्योगों के लिए बिजली की समस्या का समाधान हो पाएगा। श्री शर्मा ने उद्योगपतियों से भी अपील की कि वे उद्योगों में सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग करें।
उद्योग की प्रत्येक इकाई अग्रणी बने
मुख्यमंत्री शर्मा ने उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि आपका इस क्षेत्र में वृहद् अनुभव है। उद्योगपति किसी एक उद्योग के बारे में सुझाव देने के साथ ही राज्य में औद्योगिक विकास को बेहतर बनाने के लिए भी सुझाव दें जिससे राजस्थान प्रगतिशील, विकसित तथा औद्योगिक दृष्टि से समृद्ध बन सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का हर संभव प्रयास रहेगा कि राज्य में स्थापित उद्योग की प्रत्येक इकाई अग्रणी बने। राज्य सरकार अपनी नीति, कार्यक्रमों एवं योजनाओं के माध्यम से उद्योगपति एवं व्यापारियों के हितों का संरक्षण करेगी।
उद्यमियों से रखेंगे लगातार संवाद
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि विभिन्न व्यापारिक एवं औद्योगिक संगठनों से प्राप्त सुझाव लाभकारी हैं तथा इनका परीक्षण कर उचित सुझावों को परिवर्तित बजट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार औद्योगिक विकास को गति देने के लिए आगे भी उद्यमियों के साथ लगातार संवाद बनाए रखेगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य में उद्योग एवं निवेश को प्रोत्साहन देने में किसी भी तरह की कमी नहीं होने दी जाएगी।
उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी ने कहा कि राज्य के औद्योगिक विकास के लिए सरकार एवं उद्योगपति मिलकर काम करेंगे तथा राज्य को इंडस्ट्री हब बनाया जाएगा। उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि हमारा लक्ष्य है ईज ऑफ डूइंग बिजनेस हो। साथ ही, उद्योगों की लागत कम हो जिससे अधिक से अधिक रोजगार सृजन हो सके। उद्योग राज्य मंत्री के के विश्नोई ने कहा कि उद्यमियों के अनुभवों एवं सुझावों का लाभ लेते हुए राज्य को औद्योगिक रूप से समृ़द्व बनाया जाएगा।
बैठक में उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री की विकसित 2047 की परिकल्पना की तारीफ की। साथ ही, सरकार द्वारा उद्योगों के हित में लिए गए लगातार निर्णयों के लिए भी धन्यवाद दिया। बैठक में सीआईआई, फोर्टी, यूकोरी, एसौचेम, ज्वैलर्स एसोसिएशन, राजस्थान टैक्स बार एसोसिएशन, राजस्थान लघु उद्योग महासंघ, कोटा इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधि तथा मार्बल, टेक्सटाइल, होटल, सिनेमा, वेयरहाउस, स्टील, प्लास्टिक, बिल्डर्स, डवलपर्स, ऑयल, सीमेंट सहित विभिन्न क्षेत्रों की संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए।
इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोरा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिवशिखर अग्रवाल एवं प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता, संबंधित विभागीय अधिकारी एवं उद्योग और व्यापारी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।