मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा प्रदेश में बढ़ी उपराष्ट्रपति की यात्राओं पर किए गए तंज पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को पलटवार किया है।
उन्होंने मोदी विवि में छात्राओं से संवाद कार्यक्रम में कहा कि सीएम गहलोत को संवेदनशील होना चाहिए। राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि मैं बार-बार आता हूं, उसमें ही कुछ लोगों को समस्या होने लग गयी। अरे भाई, मुझे राजनीति में क्यों घसीट रहे हो। मैं किसान का बेटा हूं, मेरा काम संविधान सम्मत है। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि जिंदगी से बड़ी सजा नहीं, जिंदगी क्या है पता ही नहीं, खता क्या की हमने उन्हें पता ही नहीं, आपत्ति क्यों है उन्हें मेरे अपने घर आने में….।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि नेताओं की बयानबाजी पर मेरा मन दुखी होता है कि मेरे लिए किन-किन शब्दों का उपयोग कर लिया। यह देश हम सबका है, बेवजह संवैधानिक पद के लिए राजनीति नहीं करनी चाहिए। उपराष्ट्रपति धनकड़ ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को राजनीति में घसीटा जाए यह गलत है।