उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आगामी पांच साल में औद्योगिक विकास के माध्यम से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 15 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर दोगुना यानी 30 लाख करोड़ रुपए किया जाएगा। यह कार्य ‘ईज ऑफ बिजनेस’ और ‘लो कॉस्ट बिजनेस’ से संभव हो सकेगा, जिसके लिए राज्य सरकार ने अल्प समय में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड को राज्य विधानसभा में उद्योग विभाग (मांग संख्या-56) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने उद्योग विभाग की 6 अरब 63 करोड़ 94 लाख 27 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।
उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड ने कहा कि राज्य में दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर का एक तिहाई हिस्सा होने के साथ रेलवे और हाइवेज का शानदार नेटवर्क है, जिससे औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनती है। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भूमि एवं बिजली की पर्याप्त उपलब्धता कम दर के साथ सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि बजट में रीको एरिया से 1 किमी की परिधि में भू-रूपान्तरण के लिए रीको की एनओसी की बाध्यता को खत्म करने की घोषणा की गई है। जल्द ही लैण्ड एग्रीगेशन पॉलिसी लायी जाएगी। निजी औद्योगिक पार्क विकसित करने के लिए नीति लाकर उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही, राजस्थान वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक पॉलिसी तथा ट्रांसफर ऑफ इंडस्ट्रीयल लैण्ड वेलिडेशन एक्ट लाने की घोषणा की गई है।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि पूर्व सरकार ने औद्योगिक विकास के लिए केवल घोषणाएं की, जबकि हमारी सरकार राज्य के तीव्र औद्योगिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि गत सरकार ने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में 176 औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की घोषणा की थी, लेकिन मात्र 31 औद्योगिक क्षेत्र ही विकसित कर पाये और उनमें केवल 1663 भूखण्ड आवंटित किये गये जिसमें से मात्र 43 भूखण्डों में उत्पादन प्रारंभ हुआ, जो कुल आवंटित भूखण्डों का सिर्फ 2.5 प्रतिशत रहा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने पांच श्रीराम-जानकी औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर आवंटन के लिए खोल दिये गये हैं जिनमें 635 भूखण्डों का आवंटन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 में औद्योगिक क्षेत्रों का विकास करने के लिए मात्र 408 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया, जबकि वर्तमान सरकार द्वारा बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए गत सरकार द्वारा आवंटित बजट के मुकाबले 150 से 200 प्रतिशत राशि खर्च करने का इरादा है। इसके लिए 270 करोड़ रुपए हमारी सरकार द्वारा खर्च किये जा चुके है।
उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड ने कहा कि पिछली सरकार ने रीको के वित्तीय लाभांश में से 1000 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार के अन्य विभागों को व्यय करने के लिए ट्रांसफर कर दी गई जबकि राज्य सरकार को इस राशि का उपयोग राज्य के औद्योगिक विकास हेतु करना चाहिए था। राज्य में टेक्सटाईल पार्क के लिये उपयुक्त स्थान पर भूमि का आवंटन नहीं करने की वजह से केन्द्र सरकार की पीएम मित्र योजना का लाभ नहीं लिया जा सका, जबकि वर्तमान सरकार द्वारा टेक्सटाईल सिटी भीलवाड़ा में पीएम मित्र योजना की तर्ज पर टेक्सटाईल पार्क बनाया जाएगा। जयपुर शहर के पास औद्योगिक क्षेत्र की मांग की पूर्ति के लिए लम्बे समय से लम्बित श्रीराम जानकी औद्योगिक क्षेत्र कुंजबिहारीपुरा विकसित करने का कार्य तीव्र गति से प्रारंभ कर दिया गया है।
उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड ने कहा कि डीएमआईसी परियोजना के तहत जोधपुर-पाली-मारवाड़ इंडस्ट्रीयल एरीया में प्रस्तावित इण्डस्ट्रीयल टॉउनशिप तक पानी उपलब्ध कराने के लिये 90 किमी लम्बी पाईप लाईन डालने के लिये रीको द्वारा 275 करोड रुपए खर्च किये जाने की स्वीकृति जारी कर दी गई है, जिससे यह प्रोजेक्ट तीव्र गति से विकास की ओर अग्रसर हो सकेगा।