Sunday, October 13, 2024

कांग्रेस ‘‘अदानी राजस्थान लिमिटेड’’ कंपनी पर इतनी मेहरबान क्यों हैः गजेन्द्र सिंह शेखावत

Must read

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने षड़यंत्र पूर्वक प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं से लूट की है, कांग्रेस की विफलता और आर्थिक कुप्रबंधन के चलते आज राजस्थान में देश की सबसे महंगी बिजली मिल रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार महंगी बिजली के माध्यम से राजस्थान के एक करोड़ 39 लाख उपभोक्ताओं को लूटने का काम कर रही है। 

उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में प्रदेश में बिजली की कीमत 5 रूपये 55 पैसे प्रति यूनिट थी जो बढ़कर आज 11 रूपये 90 पैसे प्रति यूनिट पर पहुंच गई है। कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले यह वादा किया था कि राजस्थान में एक भी पैसा बिजली की कीमत हम नहीं बढ़ाएंगे और फिर झूठ का सहारा लेकर सत्ता में आए। इसके बावजूद कांग्रेस सरकार ने 9 बार बिजली की दरें फ्यूल सरचार्ज के नाम पर बढ़ाई हैं। एक पुराने मामले में हाईकोर्ट ने स्पेशल फ्यूल सरचार्ज वसूलने पर रोक लगाई गई है।

शुक्रवार को भाजपा के मीडिया सेंटर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि बारां के कवाई में 2018 में एक थर्मल बेस पावर प्लांट ताप विद्युत घर बनाने के लिए ‘‘अदानी राजस्थान लिमिटेड, राजस्थान सरकार और डिस्कॉम तीनों ने एक एमओयू साइन किया था। जिसके अनुरूप राजस्थान सरकार को बिजली विनिर्माता कंपनी को जिसने पावर प्लांट बनाया था उसको एक कॉल ब्लॉक आवंटित करना था, लेकिन दुर्भाग्य से राजस्थान की सरकार बदलने के बाद वह कॉल ब्लॉक आवंटित करने में असफल रहे। कॉल ब्लॉक आवंटित नहीं होने के कारण एमओयू की शर्तों के अनुरूप बिजली उत्पादक कंपनी अदानी राजस्थान लिमिटेड कंपनी को महंगी दर पर इंडोनेशिया से कोयला इंपोर्ट करना पड़ा। महंगे दर पर कोयला खरीदने के बाद बिजली उत्पादक कंपनी ने राजस्थान सरकार से कोयले की बढ़ी हुई लागत को वसूल करने के लिए बिजली दरों को बदलने का आग्रह किया, और कंपनी (आरईआरसी) में गुहार लगाई। बिजली कंपनी ने कहा कि हमें जो नुकसान हो रहा है उस नुकसान की भरपाई की जाए। इसके बाद अधिकरण ने विद्युत उत्पादक कंपनी के पक्ष में फैसला किया, लेकिन राजस्थान की डिस्कॉम और सरकार दोनों अपीलांट प्राधिकरण के पास जाकर अपील में चले गए।

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि अपील में निर्णय करते हुए अपीलांट प्राधिकरण ने कहा कि विद्युत कंपनी लागत मूल्य 5 हजार करोड़ का 70 प्रतिशत तक वसूल कर सकती हैं। इस आदेश से आहत होकर राजस्थान सरकार सुप्रीम कोर्ट में गई जहां सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि उत्पादक कंपनी 50 प्रतिशत पैसा वसूल करे, और राजस्थान की बिजली उत्पादक कंपनियां 50 प्रतिशत पैसे का तुरंत भुगतान करे। राजस्थान सरकार के पास पैसा नहीं था इसलिए सरकार ने एक बार फिर भुगतान में देरी की जिसके कारण निरंतर ब्याज बढ़ता गया और फिर उत्पादक कंपनियों ने पुनः सुप्रीम कोर्ट में जाकर गुहार लगाई।

प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं से अवैध वसूली के खिलाफ भी शिकायत थी, कि एक आदेश लेकर के जनता को लूटने का काम किया गया, और एक स्पेशल फ्यूल सरचार्ज लगाकर प्रति यूनिट उपभोक्ताओं से वसूलना आरंभ किया। प्रदेश के पीड़ित हजारों उपभोक्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई जिसके बाद कल राजस्थान उच्च न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए उन सभी  पीटिशन को  डिसाइड करते हुए कहा कि यह ब्याज और पेनल्टी की वसूली पूरी तरह अवैध है। लागत और ब्याज के कारण जो खर्च बढ़ा है, उसको उपभोक्ता से वसूल करना बिल्कुल गैरकानूनी है जो करार है वह डिस्कॉम और उत्पादक कंपनी के बीच में है। उपभोक्ता इसका खामियाजा नहीं भुगतेगा।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article