कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर अब प्रक्रिया तेज हो गई है। जीतने वाले उम्मीदवार को लेकर विभिन्न स्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इस बार टिकट वितरण में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की सिफारिश के आधार पर टिकट नहीं मिलेगा।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के 25 पर्यवेक्षकों के माध्यम से रिपोर्ट के आधार पर ही टिकट का निर्णय किया जाएगा।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए बनाए गए सीनियर ऑब्जर्वर मधुसूदन मिस्त्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह पार्टी को मजबूत करने और अच्छे जितने वाले उम्मीदवारों को ही टिकट देंगे। इसके अलावा गौरव गोगोई की आपसी सहमति के बाद ही सूची अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को जाएगी। सीनियर ऑब्जर्वर मधुसूदन मिस्त्री और पर्यवेक्षक शशिकांत सेथिल हाल ही में पाली, जालौर, जोधपुर, नागौर, बीकानेर और उदयपुर सहित कई क्षेत्र का दौरा करके आ चुके हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों में उन्हीं को टिकट दिया जाएगा जो की जीत सकता है। इनको लेकर पार्टी में अभी निर्णय होना बाकी है
जयपुर में 30 सितंबर और एक अक्टूबर को होने वाली मीटिंग में सभी ऑब्जर्वर्स मिस्त्री को रिपोर्ट सौंपेंगे। रिपोर्ट में बताया जाएगा कि किस सीट से किस-किस का नाम निकल कर आ रहा है ? कौन जीतने वाला है, कौन हारने वाला है ? जीतने वाला है तो कैसे जीतेगा ? हारने वाला है तो क्यों हारेगा ?
इसके साथ ही जिन सीटों पर पिछले चुनाव में कांग्रेस की हार हुई, उनका पूरा एनालिसिस भी होगा कि कहां किस वजह से पार्टी के उम्मीदवार हारे ताकि इस बार वहां समीकरण सुधारकर पिछली गलतियों को नहीं दोहराया जाए। दो दिन की मीटिंग के बाद मिस्त्री अपनी रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को सौंपेगे। चूंकि मधुसूदन मिस्त्री केंद्रीय चुनाव समिति में भी शामिल हैं। इसलिए जब स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से सौंपे जाने वाले पैनल पर सीईसी में चर्चा होगी तो मिस्त्री की रिपोर्ट की भूमिका भी अहम रहेगी।
कांग्रेस में टिकटों के चयन के लिए फाइनल दौर 2 अक्टूबर के बाद शुरू होगा। प्रदेश चुनाव कमेटी अपना पैनल स्क्रीनिंग कमेटी को सौंपेंगी। पैनल में एक से लेकर तीन नाम होंगे। जिन सीटों पर विधायक जीतने की स्थिति में है और जहां पिछली बार हारने वाले उम्मीदवार को रिपीट करने से जीत मिल सकती है, उन सीटों पर एक-एक नाम होंगे।
बाकी सीटों पर जीतने की क्षमता रखने वाले दो या तीन नाम भी हो सकते हैं। स्क्रीनिंग कमेटी इस पर अपनी राय के साथ संभावित दावेदारों की सूची केंद्रीय चुनाव समिति को भेजेगी। केंद्रीय चुनाव समिति में स्क्रीनिंग कमेटी और मधुसूदन मिस्त्री की टीम की ओर से सौंपे जाने वाले पैनल पर मंथन होगा।
तीनों कमेटियों की समीक्षा के बाद जो जीतने वाला उम्मीदवार सामने आएगा उसे ही केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस मेंउम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया मेंअभी कुछ दिन लगेंगे। यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस अपनी पहली सूची 10 अक्टूबर से पहले जारी नहीं करेगी।