जयपुर।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री डॉ. प्रभुलाल सैनी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्मचारियों को एक बार फिर ओपीएस के नाम पर धोखा दिया है। अब तक ओपीएस की ब्रांड एम्बेसेडर के रूप में प्रचारित की जा रही शिक्षा विभाग की रिटायर कर्मचारी राजकुमारी जैन को ओपीएस के पूरे लाभ नहीं मिल पाए है। इससे साबित हो गया है राज्य सरकार एक बार फिर सिर्फ अपने चुनावी फायदे के लिए कर्मचारियों की भावनाओं के साथ खिलवाड कर रही है और ओपीएस के नाम पर झूठी तसल्ली दे रही है। ओपीएस के लिए विभागों में कर्मचारियों से अलग अलग फार्म भरवाए जा रहे हैं तो कहीं ब्याज सहित वसूली की जा रही है।
डॉ. प्रभुलाल सैनी ने कहा कि सरकार के लिए शर्मनाक स्थिति है कि राजीतिक फायदे के लिए लागू की गई ओपीएस स्कीम का कोई लाभ कर्मचारी को नहीं मिल रहा है। इस स्कीम के ब्रांड एम्बेसेडर के रूप में प्रचारित की गई शिक्षा विभाग से रिटायर राजकुमारी जैन के साथ भी धोखा कर दिया। सरकार ने छवि चमकाने के लिए उनके साथ वीडियो रिकार्ड करवाए, उनकी फोटो के साथ अखबारों में विज्ञापन छापे और सूचना और जनसम्पर्क विभाग के टिवटर हैंडल पर राजकुमारी जैन का बयान भी चलाया। अब सामने आया है कि सेवानिवृत्ति के समय राजकुमारी जैन को 87 हजार रूपए सैलरी मिलती थी लेकिन अब पेंशन के रूप में उन्हें सिर्फ 13 हज़ार 500 ही दिए जा रहे है। जब सरकार की योजना के ब्रांड एम्बेसेडर के ये हाल है तो आम कर्मचारी के साथ क्या हो रहा होगा?
डॉ. प्रभुलाल सैनी ने कहा कि कर्मचारियों को धोखा देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले तो बजट के दौरान सरकारी विभागों में ओल्ड पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की। इसके बाद जब अन्य सरकारी उपक्रमों के कर्मचारियों ने इसकी मांग की तो सभी को एक वर्ष तक लटकाए रखा और माहौल बनाने के लिए ओपीएस स्कीम को ऐतिहासिक बताया। इसके बाद इसी वर्ष के बजट में सभी राजकीय उपक्रमों के कर्मचारियों के लिए ओपीएस लागू करने की घोषणा की तो कर्मचारियों पर कई प्रकार के राइडर लगा दिए गए।
इसके अलावा एनपीएस से ओपीएस करने में वित्त विभाग की आदेश 19.05.2022 में यह प्रावधान किया गया है कि दिनांक 1 अप्रैल 2022 से पूर्व सेवानिवृत्त होने वाली कार्मिकों को (एनएसडी वन) nsdl से उनकी कुल जमा राशि की 60 प्रतिशत राशि तथा 40 प्रतिशत वह राशि जो (एनएसडी वन) nsdl द्वारा इनको दी ही नहीं गई, के बराबर राशि जमा करवानी होगी तथा इस राशि पर यह राशि प्राप्त करने की दिनांक से (जीपीएफ) gpf पर देय ब्याज दर से ब्याज भी देना होगा। इसके अलावा कर्मचारी को आरजीएचएस लागू हुआ तब से कटौती अभी करवानी पड़ेगी। जबकि पेंशन 1.04.2022 से दी जाएगी। सेवानिवृत कार्मिकों को जो राशि दी ही नहीं उसे जमा करवाने का दवाब डाला जा रहा है।
कांग्रेस सरकार ने ओपीएस को लेकर शुरू से ही भ्रम का जाल बुना है जबकि सर्वविदित है कि ओपीएस योजना लागू किए जाने से राज्य सरकार पर तात्कालिक रूप से कोई आर्थिक भार नहीं आएगा। सरकार की मंशा इस कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ दिए जाने की होती तो पूरी तैयारी के साथ इसे लागू किया जाता।