सहकारिता राज्य मंत्री गोतम कुमार ने कहा कि सहकारिता के बिना गरीब कल्याण और अन्त्योदय की कल्पना संभव नहीं है। ‘समृद्ध सहकार, खुशहाल किसान’ राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सभी घोषणाएं समयबद्ध रूप से पूरा करने के लिए कटिबद्ध है।
सहकारिता राज्य मंत्री गोतम कुमार ने विधानसभा में सहकारिता विभाग (मांग संख्या-50) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने सहकारिता विभाग की 19 अरब 80 करोड़ 29 लाख 71 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।
सहकारिता राज्य मंत्री गोतम कुमार ने कहा कि राज्य में विभिन्न प्रकार की 41 हजार सहकारी समितियों के एक करोड़ 35 लाख से अधिक सदस्य हैं। इन समितियों की 21 हजार 480 करोड़ रुपये से अधिक हिस्सा पूंजी व एक लाख 37 हजार 96 करोड़ रुपये से अधिक की कार्यशील पूंजी है। प्रदेश की लगभग 20 प्रतिशत आबादी सहकारिता विभाग से जुड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि किसानों की अल्पकालीन जरूरतों के लिए इस वित्तीय वर्ष में 23 हजार करोड़ रुपये के फसली ऋण वितरण तथा 5 लाख नये सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। 24 जुलाई, 2024 तक 24 लाख किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण का वितरण भी किया जा चुका है।
सहकारिता राज्य मंत्री गोतम कुमार ने कहा कि किसानों एवं पशुपालकों की जरूरतों का ध्यान रखते हुए लेखानुदान में गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना शुरू करने की घोषणा की गई है। योजना के प्रथम चरण में लगभग 5 लाख गोपालक परिवारों को एक लाख रुपये तक ब्याज मुक्त अल्पकालीन ऋण पशुपालन, डेयरी से सम्बन्धित गतिविधियों तथा शेड एवं खाली के निर्माण के लिए उपलब्ध कराये जाएंगे। शीघ्र ही इसके लिए आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकार बनने के महज 2 माह के भीतर ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के समान मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत कर इस वर्ष 2 हजार रुपये जोड़ते हुए राज्य सरकार द्वारा किसानों को 1400 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिये जाएंगे। सहकारिता राज्य मंत्री ने कहा कि 30 जून को टोंक जिले से योजना का शुभारम्भ करते हुए 65 लाख से अधिक किसानों के खातों में 650 करोड़ रुपये डीबीटी किये गए।
सहकारिता राज्य मंत्री गोतम कुमार ने कहा कि सहकारी बैंकों द्वारा दिए जाने वाले दीर्घकालीन ऋण का दायरा बढ़ाते हुए गत वर्ष में वितरित 50 करोड़ रुपये के ऋण को दोगुना कर 100 करोड़ रुपये का ऋण दिया जाएगा। साथ ही, समय पर ऋण चुकाने वाले काश्तकारों को मिलने वाले 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान को 2 प्रतिशत बढ़ाकर 7 प्रतिशत किया गया है। उन्होंने कहा कि विगत कई वर्षों से महज 100 मीट्रिक टन के गोदाम निर्माण का प्रावधान था। अब राज्य सरकार ने पहली बार 500 मीट्रिक टन तक के गोदाम बनाने की घोषणा की तथा राशि को भी लगभग 3 गुना बढ़ाकर 35 करोड़ रुपये कर दिया।
सहकारिता राज्य मंत्री गोतम कुमार ने कहा कि प्रदेश में 1000 नये कस्टम हायरिंग सेंटर खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति है। समितियों और अन्य स्तर पर जो अनियमितताएं हुई हैं, उनकी नियमित समीक्षा की जा रही है तथा ऐसे प्रकरणों में सख्त कार्यवाही की गई है। भविष्य में भी दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही जारी रहेगी। उन्होंने कहा सहकारी समितियों को कम्प्यूटराइजेशन के साथ ऑनलाइन किया जा रहा है। अब तक 1231 सहकारी समितियों को गो-लाइव कर दिया गया है तथा शेष समितियों को भी चरणबद्ध रूप से गो-लाइव करने का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य से सहकारी समितियों में पारदर्शिता और कार्यों के निष्पादन में गति आएगी।
सहकारिता राज्य मंत्री गोतम कुमार ने कहा कि समितियों के बोर्ड सदस्यों और व्यवस्थापकों को नियमों व प्रक्रियाओं की जानकारी के लिए क्वालिटी ट्रेनिंग की आवश्यकता के दृष्टिगत राइसेम के माध्यम से 25 हजार प्रशिक्षण मानव दिवस पूर्ण करने की कार्ययोजना बनाई गई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार विस्तृत अध्ययन कर पुरानी कमियों को दूर करते हुए सहकारी आन्दोलन को और सशक्त एवं समृद्ध बनाने के लिए नये को-ऑपरेटिव कोड लाएगी।
सहकारिता राज्य मंत्री गोतम कुमार ने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत पर सहकारी समिति बनाने एवं प्रत्येक ब्लॉक पर महिला सहकारी समिति बनाने का हमारा संकल्प है। हमारी सरकार के गठन के बाद अब तक 51 ब्लॉक में महिला जीएसएस का गठन कर प्रत्येक को 3 लाख रुपये की राजकीय हिस्सा राशि भी जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों में 5 साल बाद भर्ती प्रक्रिया आरम्भ कर दी गई है। लगभग 700 पदों पर भर्ती से बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा तथा संस्थाओं की कार्यक्षमता में भी वृद्धि होगी।
सहकारिता राज्य मंत्री गोतम कुमार ने कहा कि अन्नदाता किसान हमारी प्राथमिकता और उनकी खुशहाली हमारा संकल्प है। हमारी सरकार बनने के बाद मूंगफली, मूंग, सरसों एवं चना की कुल 4 लाख 34 हजार 140 मैट्रिक टन खरीद कर किसानों को 2587 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। भविष्य में प्रक्रिया को और सुगम व पारदर्शी बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं को उत्तम गुणवत्तापूर्ण वस्तुएं उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के लिए अच्छी लोकेशंस पर स्थित सहकारी उपभोक्ता होलसेल भण्डारों का मॉडर्नाइजेशन किया जाएगा।