Monday, December 23, 2024

केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के नेतृत्व वाली डैमेज कंट्रोल कमेटी फेल, पीएम मोदी और शाह चिंतत, भाजपा चुनाव प्रभारी जोशी और सिंह ने संभाली कमान

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भाजपा ने डैमेज कंट्रोल के लिए 10 अक्टूबर को केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के नेतृत्व में कमेटी बनाई थी। इसमें चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया और सांसद राजेन्द्र गहलोत भी हैं। लेकिन कमेटी ज्यादा कुछ नहीं कर पाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री इस बात से चिंतित है की आखिर प्रदेश के बागियों को लेकर ठोस और प्रभावी रणनीति तैयार क्यों नहीं की हो पा रही है ! 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को अपने एक दिवसीय दौरे में भी भाजपा के प्रदेश और स्थानीय नेताओं से बागियों को मनाने की रणनीति पर गहनता से विचार किया। अजमेर के सांसद और किशनगढ़ के प्रत्याशी भागीरथ चौधरी से भी किशनगढ़ के एयरपोर्ट पर अजमेर जिले के बागियों के बारे में बातचीत की।

अब केंद्रीय संसदीयकार्य मंत्री और प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी भी टिकट कटने से नाराज नेताओं को मनाने का सिलसिला तेज कर दिया हैं। मंगलवार को भाजपा चुनाव प्रभारी जोशी ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी और डॉ.अरुण चतुर्वेदी से मंत्रणा की। भाजपा चुनाव प्रभारी जोशी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से भी लम्बी मंत्रणा की। पार्टी ने दोनों पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी और अशोक परनामी का टिकट काट दिया था।

भाजपा ने बागियों को मनाने की रणनीति में बदलाव किया है। कोर कमेटी के नेताओं के साथ प्रदेश के नेता भी जुट गए हैं। चित्तौडगढ़ सीट से निर्दलीय नामांकन भरने वाले विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या को मनाने को लेकर आक्या से बातचीत की गई। सांचौर से जीवाराम चौधरी, झोटवाड़ा से राजपाल सिंह शेखावत, कोटपुतली से मुकेश गोयल, शिव से रविन्द्र सिंह, शाहपुरा से कैलाश मेघवाल, खंडेला से बंशीधर बाजिया सहित अन्य बागी हुए नेताओं से भी बातचीत की जा रही है। 

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रतिपक्ष नेता राजेन्द्र राठौड़ को चित्तौडगढ़ सीट, केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री भूपेन्द्र यादव को तिजारा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को झोटवाड़़ा की जिम्मेदारी दे रखी है। अब प्रदेश चुनाव प्रभारी और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, प्रदेश प्रभारी सांसद अरुण सिंह, संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर मिश्रा, सांसद घनश्याम तिवाड़ी भी जुटे हैं। लेकिन भाजपा की रणनीति कारगर नहीं हो पा रही है।

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