राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को अब एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) सुरक्षा प्रदान की जाएगी, जो एक उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है। यह वही सुरक्षा है जो गृह मंत्री अमित शाह को मिलती है। इस निर्णय के पीछे इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) द्वारा गृह मंत्रालय को सौंपी गई एक रिपोर्ट है, जिसमें भागवत को संभावित खतरों का आकलन किया गया है।
इससे पहले एएस एल प्रोटोकॉल का उपयोग केवल उन मामलों में किया जाता था जब भागवत संवेदनशील स्थानों की यात्रा करते थे। वर्तमान में भागवत ‘Z+’ सुरक्षा कवर के तहत केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की सुरक्षा में हैं। नए सुरक्षा अपडेट के बाद उनकी सुरक्षा को और अधिक मजबूत किया जाएगा, जिसमें केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ स्थानीय एजेंसियों को भी शामिल किया जाएगा।
आईबी की रिपोर्ट में उन राज्यों का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है जहां भाजपा की सरकार नहीं है और भागवत को कट्टरपंथी इस्लामी समूहों और अन्य संगठनों से खतरा बताया गया है। इस सुरक्षा व्यवस्था का उद्देश्य भागवत की सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ करना है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां खतरे की संभावना अधिक है।