कोटा में कोचिंग छात्रों का सुसाइड मामले कही इस चुनाव में कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए गले की फांस न बन जाए। विधानसभा चुनाव ठीक सर के ऊपर हैं और ऐसे माहौल में कांग्रेस पार्टी के लिए सर दर्द का कारण न बन जाए क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और कांग्रेस पार्टी ने कोटा सीट से जीत कर आए शांति धारीवाल को यूडीएच मिनिस्टर बनाकर सरकार में शामिल किया है तो आने वाले चुनाव में यह मुद्दा जमकर सियासी रंग लेकर आएगा और इसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को डैमेज कंट्रोल करने की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है क्योंकि उधर से बीजेपी ने इस मामले को जमकर उछालना शुरू कर दिया है और इसी मामले पर राजनीतिक बयान बाजी कर धरातल पर इस मुद्दे को भुनाने का काम शुरू कर दिया है।
अभी दो दिन पहले ही कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कोचिंग संस्थानों को माफिया करार देते हुए उन पर कानूनी कार्यवाही कर अंकुश लगाने की बात कही थी। उधर बीजेपी ने भी इस मामले पर असर को आड़े हाथ लेने की पूरी तैयारी कर ली हैं ।बीजेपी ने इस मामले पर बीजेपी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को आगे किया हैं और अभी कुछ दिन पहले ही उन्होंने बीजेपी ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर जमकर हमला बोला था।
जहां बीजेपी ने इस मामले को लेकर जयपुर ग्रामीण से सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को इस मामले को उठाने का काम दिया है, वही सरकार ने इस मामले को लेकर एक कमेटी बनाने का निर्णय किया है, और इस कमेटी को प्रदेश सरकार में मंत्री और सिविल लाइन सीट से विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास मॉनिटर करेंगे, और अपनी रिपोर्ट सरकार को देंगे। छात्रों की सुसाइड वाले मामले को कैबिनेट में भी पूरी तरीके से गंभीरता से लिया गया। कल कैबिनेट की मीटिंग में कोचिंग संस्थानों में बच्चों के सुसाइड मामले पर चर्चा की गई थी।
कैबिनेट के बाद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि बच्चों के सुसाइड के मामले को लेकर राजस्थान सरकार बेहद चिंतित है। अब बच्चों के सुसाइड मामले पर सुझाव के लिए बनी कमेटी 4 सितंबर को कोटा जाएगी। जहां कोचिंग संचालकों और अभिभावकों से चर्चा करेगी।
प्रताप सिंह खरियावास ने कहा सरकार जल्द एक क्राइटेरिया तय करेगी,जिसमें कोचिंग संस्थानों में छात्रों के एडमिशन लेने की उम्र तय की जाएगी। मंत्री प्रताप सिंह खाचार्ययावास ने कहा कि कोचिंग संस्थानों को ऐसी बिल्डिंग बनानी चाहिए जिसमें जाल लगे हो और बच्चे कूद कर आत्महत्या नही कर सके,साथ ही कमरों के अंदर लगे पंखों में भी स्प्रिंग वाले पंखे लगाए जाए जिससे पंखे से झूल कर छात्र आत्महत्या नहीं कर सके।