Home राजनीति कौथुन बीएमसी से जप्त 1000 लीटर दूध लेबोरेटरी जांच में पाया अनसेफ, कैथवाड़ा और दौसा में जप्त दूध और पनीर की सिंथेटिक होने की पुष्टि

कौथुन बीएमसी से जप्त 1000 लीटर दूध लेबोरेटरी जांच में पाया अनसेफ, कैथवाड़ा और दौसा में जप्त दूध और पनीर की सिंथेटिक होने की पुष्टि

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पुलिस मुख्यालय सीआईडी क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा 17 नवंबर को चाकसू थाना इलाके के कौथुन क्षेत्र में एक बीएमसी पर छापा मार जप्त किया गया 1000 लीटर दूध फूड डिपार्मेंट द्वारा लेबोरेटरी से जांच करने पर अमानक एवं अनसेफ पाया गया है। इसके अतिरिक्त डीग जिले के कैथवाड़ा इलाके में नकली सिंथेटिक दूध की फैक्ट्री और दौसा में बीएमसी एवं लोकल डेयरी से जप्त दूध और पनीर भी जांच में सिंथेटिक पाया गया।

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध दिनेश एमएन ने बताया कि स्टेट क्राइम ब्रांच की टीम ने 17 नवंबर को चाकसू थाना इलाके के कौथुन में गोविंद नारायण जाट नाम के व्यक्ति की बीएमसी 0958 पर छापा मार एक पिकअप में रखे पानी के ड्रम से 1000 लीटर दूध पकड़ा था। मौके पर फूड डिपार्टमेंट टीम को भी बुलाया गया। जिनके द्वारा दूध के सैंपल लिए गए। 

एडीजी एमएन ने बताया कि सैंपल लिए गए दूध की फूड डिपार्टमेंट द्वारा सेठी कॉलोनी जयपुर स्थित स्टेट सेंट्रल पब्लिक हेल्थ लैबोरेट्री से जांच करवाई गई। जांच रिपोर्ट के अनुसार सैंपल के लिए गए दूध में मृत कीट तथा रेत और गंदगी के कण पाए गए। जांच रिपोर्ट के निष्कर्ष में दूध अनसेफ पाया गया है।

उन्होंने बताया कि मामले में एसएचओ की ओर से आईपीसी की धारा 188, 272, 273, 328 में 120बी के अंतर्गत थाना चाकसू पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मिली भगत के इस बड़े खेल में जयपुर डेयरी के अधिकारियों, बीएमसी और नकली/मिलावटी और सिंथेटिक दूध के सप्लायरों के बीच गठजोड़ की भूमिका की जांच की जाएगी। सरस डेयरी प्रशासन के किस व्यक्ति की मिली भगत से नकली और सिंथेटिक दूध जांच में पास होकर आसानी से खप रहा है। इसमें बड़े गिरोह के होने की पूर्ण आशंका है। जल्द ही इसका भी खुलासा किया जाएगा। 

एडीजी  दिनेश एमएन ने बताया कि सीआईडी क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा इससे पहले 8 नवम्बर को डीग जिले के कैथवाड़ा इलाके में स्थित कमालिया आईस इंडस्ट्रीज एवं मिल्क चिलिंग प्लांट में रेड मार विभिन्न केमिकल से बनाया गया भारी मात्रा में सिंथेटिक दूध पकड़ा था। यह सिंथेटिक दूध दौसा जिले के बांदीकुई और बैजूपाड़ा थाना स्थित तीन बीएमसी तथा सिकराय क्षेत्र में निजी डेयरी पर सप्लाई किया जा रहा था। निजी डेयरी से टीम ने मावा एवं पनीर भी जप्त किया।

एडीजी एमएन ने बताया कि फैक्ट्री, बीएमसी और डेयरी से जप्त दूध और पनीर के सैम्पल की भी फ़ूड डिपार्टमेंट द्वारा लेबोरेटरी से जांच करवाई गई। लेबोरेटरी जांच में दूध सिंथेटिक पाया गया। सैंपल के दूध में विभिन्न कैमिकल, यूरिया, वनस्पति तेल, वसा, रिफाइंड तेल की उपस्थिति मिली। पनीर अधिक नमी और कम फैट के कारण घटिया पाया गया।

एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि कैथवाड़ा, दौसा और कौथुन में जप्त किये गए दूध की जांच रिपोर्ट में साफ है कि इस दूध का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है, इसमें कीड़े के साथ काले और भूरे कण मौजूद है। सिंथेटिक दूध में विभिन्न केमिकल, तेल और यूरिया इत्यादि का इस्तेमाल किया गया है। जयपुर डेयरी में इस दूध को भारी मात्रा में मिलाए जाने की संभावना थी ताकि ऐसे अवयवों के परीक्षण की अज्ञात सीमा तक इस पतला किया जा सके। यह स्वास्थ्य के लिए धीमे जहर का काम करता है। इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार हो सकता है। किडनी, लीवर, फेफड़े और हृदय को नुकसान पहुंचता है। लंबे समय तक इस्तेमाल से कैंसर भी हो सकता है।

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