Friday, October 18, 2024

गहलोत-पायलट पांच साल आपस में कुर्सी को लेकर झगड़ते रहे, किसान और गरीब की समस्याएं नहीं सुनी गई:- ओम माथुर

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जो अमेरिका वीजा देने से मना करता था आज मोदी जी की अगुवाई में खडा रहता हैः- ओम माथुर

जयपुर,। भाजपा की तीसरी परिवर्तन यात्रा आज जोधपुर के फलौदी पहुंची इस दौरान आयोजित आमसभा को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद और भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओम माथुर ने कहा कि ठीक पैंतीस साल के बाद फलौदी में मुख्य वक्ता के रूप में आना हुआ है। इससे पहले 1998 में डॉ. हेडगेवार की एक विराट सभा में मुख्य वक्ता के रूप में मुझे बुलाया गया था । छत्तीसगढ़ में प्रवास के चलते मुझे यहां आने का मौका कम मिलता है। आज परिवर्तन यात्रा में मुझे बुलाया गया तो आप सभी से मिलने और बात करने का अवसर प्राप्त हुआ । मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में भी परिवर्तन यात्राएं निकाली जा रही हैं। इस यात्रा के दो काम हैं पांच साल तक इस सरकार ने कुछ नहीं किया और जब चुनाव नजदीक आया तो इस सरकार को राजस्थान की याद आई। गहलोत सरकार के कुर्सी पर बैठते ही लटियाल माता का श्राप लग गया। जैसे किसान खेत में हल चलाकर फसल बोता है और ये सोचता है कि फसल पैदा हुई तो मुझे खाने को मिलेगा। लेकिन जब फसल पैदा हुई तो उसे खा गया कोई और प्रदेश में ऐसे हालात पैदा हुए कि अशोक गहलोत चाहते हैं कि मैं कुर्सी से चिपका रहूं तो उनके प्रतिद्वंदी पायलट चाहते हैं कि कब मौका मिले और गहलोत को कुर्सी से उठा के फेंकू। इसी उठापटक में सरकार पांच साल तक लगी रही, और प्रदेश के गरीब किसान की समस्याओं पर ध्यान ही नहीं दिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विकास के लिए बजट देते रहे और इस कांग्रेस सरकार ने कोई काम नहीं होने दिया। प्रदेश का सत्यानाश किया और लूट मचाए रखी।

ओम माथुर ने संबोधन में कहा कि इस देश का दुर्भाग्य है कि आजादी के 75 सालों में से 65 साल तक एक ही परिवार ने देश पर राज किया और देश को जमकर लूटने का काम किया। पहले बुजुर्गों के पास बैैठते थे तो वे बताया करते थे कि भारत सोने की चिड़िया है, हजार साल और पंद्रह सौ साल पहले आक्रांताओं ने भारत को लूटा, और भारत को विश्वगुरू इसलिए कहते थे कि यहां नालंदा और तक्षशिला जैसे शैक्षणिक केंद्र थे जहां दुनियाभर के लोग पढ़ने आते थे। लेकिन 65 साल तक एक ही परिवार ने इस देश को लूटा और देश की स्थिति यह थी कि हमें कभी विदेशांे से अनाज मांगना पड़ता था तो कभी दवाईयां मांगने जाना पड़ता था। लेकिन जब से 2014 में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी उसके बाद से भारत की दशा बदलने लगी। जब पीएम मोदी पहली बार यूएनओ में गए और वहां भाषण दिया तो खुद के लिए कुछ नहीं मांगा। दुनिया में जैसे वेलेंटाईन डे, फादर्स डे, मदर्स डे और अन्य डे मनाए जाते हैं वो आप चाहे जैसे मनाते रहें, लेकिन दुनिया को तंदुरूस्त मजबूत बनाने के लिए शारीरिक सुडौल बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाए। उसके बाद यूएनओ ने भारत के कहने पर पूरे विश्व में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। यह विश्वगुरू बनने की पहली सीढ़ी थी।
ओम माथुर ने संबोधन में कहा कि पहले भारत के नेता विदेश यात्रा पर जाते थे तो एक डर हुआ करता था, रूस जाने पर और चीन जाने पर लेकिन आज आप विश्व में कहीं भी जाओ भारत के सनातन धर्म की बात होती है। रूस-यूक्रेन के युद्ध को कोई रूकवा सकता था तो वह पीएम मोदी ही थे। पहले जब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे अमेरिका वीजा देने से मना कर दिया करता था। वहीं आज अमेरिका आगे से भारत को बुलावा भेजता है। क्योंकि अमेरिका को पता है कि जो नेता रूस-यूक्रेन का युद्ध रूकवा सकता है वह कुछ भी करवा सकता है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने जी-20 का सफल सम्मेलन आयोजित करके भारत की साख बढ़ाने का काम किया है। किसान सम्मान निधि के तहत आज किसानों के खाते में सीधे 2000 की किस्त आती है।

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