जयपुर पुलिस कमीशनरेट की नाक के नीचे 25 दिन तक बालिकाओं को बंधक बनाकर रखा जाता है और शासन और प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जाता है , उनका ध्यान तो सिर्फ़ तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली सरकार को बचाने में और सरकार को खुश करने में लगा रहता है । गहलोत जी ख़ुद गृहमंत्री है उनका यह दायित्व बनता है कि राजस्थान की माता और बहनों को सुरक्षित रखा जाये ।
यह सरकार घोर महिला विरोधी सरकार है । कभी बच्चिया भट्टी में जला दी जाती है , कभी उन पर तेज़ाब डालकर रेप करके कुँए में फ़ेक दिया जाता है परंतु दुर्भाग्य की बात ये है कि शासन और प्रशासन पूरी तरह मौन धारण किए रखता है । मैं इस सरकार की घोर निंदा करती हूँ और मुख्यमंत्री जी से इस्तीफ़े की माँग करती हूँ ।
डॉ अलका ने कहा कि इनकी सरकार की विधायक दिव्या मदेरणा जी ख़ुद असुरक्षित महसूस करती है तो आम महिला की तो क्या स्थिति होगी इस बात का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि पॉक्सो एक्ट में 2911 शिकायत दर्ज होती है और एफ़ आई आर सिर्फ़ 2 मामलों में दर्ज की जाती है ।
डॉ अलका ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इनके मंत्री पुत्रों , विधायकों पर महिला अत्याचारों के आरोप लगते है परंतु एक भी मामले में कार्यवाही नहीं होती है । और तो और इसी प्रदेश में पुलिसकर्मी महिला के साथ दुष्कर्म कर देता है , शिक्षक बच्ची के साथ दुष्कर्म कर देता है , पी एच ई डी विभाग का बाबू बच्ची के साथ दुष्कर्म कर देता है परंतु फिर भी ये सरकार महिलाओ को सुरक्षा देने के नाम पर पूर्णत विफल रही है । आज महिलायें कही सुरक्षित नहीं है चाहे घर , ऑफिस , पुलिस स्टेशन , एंबुलेंस ही क्यों ना हो । गहलोत सरकार के सत्ता में आने के बाद 46 प्रतिशत महिला अत्याचारों में वृद्धि हुई है और इनकी सरकार के मुख्यमंत्री कहते है कि क्या अब हम सब घरों के बाहर सिपाही तैनात कर दे ! इस प्रकार के ग़ैर ज़िम्मेदार बयान इनके महिला विरोधी चरित्र को उजागर करता है ।
मुख्यमंत्री जी जिनके पास गृह विभाग का प्रभार भी है, को नैतिकता के नाते इस्तीफ़ा दे देना चाहिये ।