भरतपुर जिले के गोपालगढ़ दंगा मामले में अग्रिम जमानत पर चल रहे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बिना अदालत की अनुमति विदेश जाने पर एडीजे कोर्ट ने उनसे जवाब मांगा है। इस मामले में कांग्रेस ने हमलावर रुख अपनाते हुए शर्मा की अग्रिम जमानत रद्द करवाने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया है। कोर्ट ने इस पर मुख्यमंत्री शर्मा और अन्य के वकील से जवाब मांगा है और अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी।
प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री शर्मा ने अदालत की अनुमति लिए बिना विदेश जाकर अग्रिम जमानत की शर्त का उल्लंघन किया है।
कांग्रेस और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस मुद्दे पर कहा कि मुख्यमंत्री यदि कानून से इस तरह खिलवाड़ करेंगे तो जनता में गलत संदेश जाएगा। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री को इस मामले में अपना पक्ष जनता के सामने रखना चाहिए।
गोपालगढ़ दंगा 14 सितंबर 2011 को हुआ था, जिसमें मेव और गुर्जर समाज के बीच संघर्ष के चलते 10 लोगों की मौत हुई थी। इस प्रकरण की जांच सीबीआई कर रही है, और शर्मा 2013 से जमानत पर हैं। वकील सांवरमल चौधरी ने अदालत में यह दावा किया कि जमानत की शर्तों का उल्लंघन हुआ है, जिसके तहत आरोपी को अदालत की अनुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जाना चाहिए था।
इस मामले के अदालत में पहुंचने के बाद प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है, और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इस कदम को संवैधानिक पद के लिए अनुचित बताया है।