मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को तत्परता के साथ उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिए आवश्यक है कि आमजन के साथ पूरी संवेदनशीलता के साथ व्यवहार हो तथा चिकित्साकर्मी अपने कर्तव्यों का जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करें।
मुख्यमंत्री शर्मा शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिम्मेदारी के साथ चिकित्सकीय सुविधाओं को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।
बैठक में वीसी के माध्यम से अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती शुभ्रा सिंह ने मुख्यमंत्री को राजस्थान के बुनियादी चिकित्सकीय ढ़ांचे के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राजस्थान की शिशु मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से कम है। अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में मातृ मुत्यु में सर्वाधिक गिरावट आई है तथा राज्य के संस्थागत प्रसवों में भी सर्वाधिक बढ़ोतरी हुई है। मुख्यमंत्री ने चिकित्सा सुविधाओं को और अधिक मजबूत करने के लिए अधिकारियों को चरणबद्ध रूप से कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक में राज्य में कोविड-19 की स्थिति पर भी चर्चा की गई। सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा ने जानकारी दी कि हाल ही में देश में पाया गया कोविड-19 का नया वेरिएन्ट JN.1 से घबराने की बजाय सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। अधिकारियों ने बैठक में बताया कि कोविड-19 के उचित प्रबंधन एवं रोकथाम के लिए राज्य कोविड प्रबंधन समिति का गठन किया गया है। राज्य में कोविड-19 की जांच हेतु 79 आरटीपीसीआर लैब की सुविधा उपलब्ध है। जयपुर, जोधपुर व कोटा में जिनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने अधिकारियों को कोविड-19 के नए वेरिएन्ट के लिए पूर्णतया सतर्कता बरतने, इसके उपचार के लिए आवश्यक दवाइयों एवं अन्य उपकरणों की उपलब्धता, अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन बैड्स सहित सम्पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक में विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान किए जाने वाले कार्यों के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी ने वीसी के माध्यम से बताया कि यात्रा के दौरान राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय सिकल सैल एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्द्र, आयुष्मान आरोग्य मंदिर कार्यक्रम सहित विभिन्न योजनाओं से संबंधित कार्य किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिविरों में आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की जाए तथा वहां चिकित्सकीय स्टाफ के साथ ही दवाइयों की अतिरिक्त व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि शिविरों में पात्र व्यक्तियों का अधिक से अधिक संख्या में जनकल्याणकारी योजनाओं में पंजीकरण किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को शिविरों की लगातार मॉनिटरिंग करने तथा जवाबदेही तय कर समयबद्ध रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा शिवप्रसाद नकाते वीसी के माध्यम से जुड़े तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी, स्टेट हेल्थ इंश्योरेन्स एजेन्सी श्रीमती शुचि त्यागी, प्रबंध निदेशक, राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड श्रीमती अनुपमा जोरवाल, निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. रवि प्रकाश माथुर सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।