केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि जब तक केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार है, कोई भी ताकत जम्मू क्षेत्र में नब्बे के दशक की तरह के आतंकवाद को पुनर्जीवित नहीं कर सकती। शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार आतंकवाद को इस हद तक खत्म कर देगी कि वह फिर से कभी नहीं पनप सके।
शाह ने किश्तवाड़ क्षेत्र के पद्दार-नागसेनी विधानसभा क्षेत्र में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र-विरोधी और शांति-विरोधी तत्व जम्मू क्षेत्र में 90 के दशक जैसा माहौल वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम आतंकवाद को जमीन से कई फुट नीचे धकेल देंगे, ताकि वह फिर से न पनपे।
उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख डॉ. फारूक अब्दुल्ला पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जब किश्तवाड़ में खून-खराबा अपने चरम पर था, तब वह कहां थे। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि अगर वह यहां आते हैं तो उनसे पूछा जाना चाहिए। लेकिन मुझे पता है कि वह उस समय कहां थे। वह लंदन के समुद्र तटों पर मौज-मस्ती कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि नेकां-कांग्रेस गठबंधन ने हमेशा से ही जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद के लिए आधार तैयार किया है। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों ने महाराजा हरि सिंह को जम्मू-कश्मीर से खदेड़ दिया। बाद में, केवल उनका पार्थिव शरीर ही जम्मू-कश्मीर लौट सका। ये पार्टियां 1990 में कश्मीरी पंडितों के सामूहिक पलायन के लिए भी जिम्मेदार हैं।
छह सितंबर के बाद से अपने दूसरे दौरे पर जम्मू पहुंचे शाह ने कहा कि ग्राम रक्षा गार्ड और विशेष पुलिस अधिकारियों को नवीनतम हथियारों और शक्तियों से लैस किया गया है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि शांति भंग करने के लिए यहां आने वाले घुसपैठियों को पहाड़ों में ही दफनाया जाए और उन्हें अंदरूनी इलाकों में प्रवेश न करने दिया जाए। किसी को भी आतंकवाद के लिए भारतीय धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
गृह मंत्री ने कहा कि भारतीय संविधान में अनुच्छेद 370 के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद भारत के इतिहास का पुराना अध्याय बन गया है। उन्होंने कहा कि मैं नेकां-कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि आप अनुच्छेद 370 को कैसे वापस ला सकते हैं। मैं स्पष्ट कर दूं कि न तो आतंकवाद और न ही अनुच्छेद 370 वापस आएगा।
नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने कहा था कि वह केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने उमर का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि फिर उन्होंने (उमर ने) दो सीटों से चुनाव लड़ने का फैसला किया। इससे पता चलता है कि उन्होंने हार स्वीकार कर ली है। मैं आपको बता दूं, आप दोनों सीटों से नहीं जीत सकते।
शाह ने दोहराया कि जब तक केंद्र में मोदी सरकार है, कोई भी शक्ति गुज्जरों और पहाड़ियों को दिए गए आरक्षण को वापस नहीं ले सकती। उन्होंने कहा कि दो संविधान, दो झंडे और दो प्रधान वापस लाने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का विजन और मिशन पूरा हो चुका है तथा कोई भी ताकत इन चीजों को पलट नहीं सकती।
शाह ने पद्दार और किश्तवाड़ के लिए बड़े पैमाने पर विकास का वादा किया। उन्होंने मतदाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आपको पद्दार-नागसेनी निर्वाचन क्षेत्र से सुनील शर्मा की जीत सुनिश्चित करनी होगी। आपके पास पहले से ही पीएमओ में डॉ. जितेन्द्र सिंह हैं। अगर सुनील जीतते हैं, तो वे दोनों आपके विकास के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। पद्दार और किश्तवाड़ के विकास के लिए हमारे पास एक बड़ा विजन है।