जयपुर में दो ज्वेलर्स ग्रुप के सभी ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी छह दिन बाद खत्म हो गई है। इस छापेमारी में कुल 709 करोड़ रुपए की अघोषित लेनदेन का खुलासा हुआ है। शनिवार देर शाम तक टीम ने दोनों ग्रुप के अहम कागज, हार्ड डिस्क, लैपटॉप समेत कई इलेक्ट्रोनिक उपकरण जब्त कर लिए। इनकी जांच शूरू कर दी गई है।
सूत्रों के अनुसार, ये सबसे सफल छापा बताया जा रहा है। इसमें 709 करोड़ के अघोषित लेनदेन का खुलासा हुआ है। साथ ही 1.84 करोड़ कैश और 18.48 करोड़ की निजी ज्वेलरी जब्त की गई है। दोनों ग्रुप के पास बोगस कम्पनियों से 15 करोड़ के लोन का हिसाब भी आईटी टीम को मिला है। आईटी टीम को छापेमारी के दौरान जॉर्जिया में खरीदी गई संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं। इनकी जांच की जा रही है।
कुल 20.32 करोड़ का कैश और गोल्ड जब्त किया गया
दोनों ग्रुप पर छापेमारी में सर्वर और हार्ड डिस्क में बड़े पैमाने पर कैश में किए गए कारोबार का खुलासा हुआ है। आयकर अधिकारियों ने इस छापेमारी में 709 करोड़ रुपए मूल्य में किए गए नकद लेनदेन का पर्दाफाश करने का दावा किया है, जबकि कार्रवाई में 20.32 करोड़ की जब्ती भी हुई हैं।
आईटी को सर्च के दौरान हवाला से किए गए करोड़ों रुपए के लेनदेन के सबूत भी मिले हैं। इसमें करेंसी नोट की फोटो भी शामिल है। इसका उपयोग हवाला कारोबार में किया गया। आईटी की टीम को जो हिसाब मिला है, उसकी जांच के लिए अधिकारी लगे हुए हैं।
कुल बिक्री का केवल 30 से 40 प्रतिशत की एंट्री की गई
एक ज्वेलर्स के पास 130 किलो सोने का हिसाब नहीं मिला है। इसे लेकर आईटी की टीमें जिम्मेदार लोगों से आने वाले समय में पूछताछ करेगी। टीम को शक है कि काली कमाई में और बढोतरी हो सकती हैं। ज्वेलर ने करोड़ों रुपए के जेवरातों की बिक्री कैश में की है। इसका हिसाब नहीं मिल रहा है। ज्वेलर्स समूह अपनी कुल बिक्री का केवल 30 से 40 प्रतिशत लेखा पुस्तक में दिखा रहा था।
क्या है मामला
दरअसल, इनकम टैक्स टीम ने मंगलवार सुबह साढ़े 5 बजे तीन राज्यों में ज्वेलर्स ग्रुप पर छापेमारी की थी। जयपुर में ग्रुप के घर और शोरूम में सर्च किया गया था। साथ ही सर्च के दौरान सट्टे से जुड़े कागज भी मिले थे। आयकर से मिली जानकारी के अनुसार, कोलकाता में कई फर्जी कंपनियों के जरिए ये लोग सोने और चांदी का कारोबार कर रहे थे। टैक्स चोरी को लेकर भी कई जानकारी थी। छापेमारी के दौरान ज्वेलर्स ग्रुप के 8 लॉकर्स खोले गए।