Home राज्य जयपुर बस अड्डे के अच्छे दिन कब आयेंगे ?

जयपुर बस अड्डे के अच्छे दिन कब आयेंगे ?

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राजस्थान का जयपुर का बस अड्डा कचरे का अड्डा ज़्यादा दिखाई देता हैं। काफ़ी लंबे समय से यहाँ कचरा और गंदगी पड़ी हुई हैं । एकतरह प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत अभियान के तहत सफ़ाई पर ज़ोर देते देते थक गये और दूसरी तरफ़ गंदगी का आलम ये हैं कि यहाँ गंदगीफैलाने वाले थक नहीं रहे।  जब आप जयपुर बस अड्डे जाएँगे तो आपको वावहाँ गंदगी ,गंदा पानी और खुले में हुए पेशाब की बदबू सेनाक बंद करनी पड़ेगी। लेकिन हा इससे अधिकारियों को कोई लेना देना नहीं हैं वे बंद कर में आयेंगे और थोड़ी देर सरकारी कुर्सी पर बैठकर लीपा पोथी कर चले जाएँगे। यहाँ सरकार में बैठे बड़े अफ़सर आये तोंजनेगे पता चले की उनकी नाक के नीचे किस तरह से कामकाज चल रहा हैं।

मुख्य सचिव सुधांश पंत ने शनिवार को सिंधी कैंप बस स्टैंड का निरीक्षण किया.  मुख्य सचिव के दौरे में भी

इस बिगड़े हुए हालातों से सिंधी कैंप बस स्टैंड की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। सिन्धी कैंप बस स्टैंड प्रदेश का सबसे बड़ा बस स्टैंडहै। यहां हर रोज हज़ारों की संख्या में यात्रियों का आवागमन होता है। इसके बावजूद यह बस स्टैंड अव्यवस्थाओं का शिकार है।

 सबसे पहले अगर आप यहाँ बने हुए बस स्टैंड के वॉशरूम का नज़ारा देख ले तो आपको वाशरूम से नफ़रत होने लग जायेगी। यहां कीगंदगी का आलम देख कर आप हैरान हो जाएँगे। 

ऐसा नहीं हैं कि यह कि गंदगी अधिकारियों को दिखती भी हैं या उनके नज़र में नहीं हैं । बीजेपी की सरकार बनते ही उप मुख्यमंत्री औरपरिवहन मंत्री  प्रेम चंद बैरवा सिंघी कैम्प अपने सरकारी लवाज़मे के साथ पहुँच गये थे। डिप्टी CM प्रेमचंद बैरवा के दौरे के समय भीयहां बहुत सी कमियां मिली थी जिन्हें लेकर डिप्टी CM ने कड़ी नाराजगी जताई थी। इसके बाद भी रोडवेज प्रबंधन बस स्टैंड कीव्यवस्थाओं को सुधार नहीं पाया है अधिकारियों की क्लास भी लगायी और व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए त्वरित निर्देश भी दियेलेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया। इसके बाद 2 अप्रैल को ही रोडवेज CMD श्रेया गुहा ने सिंधी कैंप का दौरा किया था लेकिनCMD के निर्देशों को ही सिंधी कैंप के अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। 

यह पहला मौक़ा नहीं है जब इस बस स्टैंड पर ख़ामियां मिली हों। 

सिंधी कैंप बस स्टैंड पर अव्यवस्थाओं का सबसे बड़ा कारण है। यहां पदस्थापित अधिकारी और कर्मचारी जो लंबे समय से जमे हुए हैं।इतना ही नहीं बस स्टैंड से जुड़े सफ़ाई, पार्किंग , सुरक्षा के टेंडरों में भी यहां के स्टाफ की भागीदारी की शिकायतें सामने आती रहीं है।कई लोगों की यह तक भी शिकायतें आयी हुई हैं कि पार्किंग के नाम पर ज़्यादा पैसे ले लिए जाते हैं और पार्किंग कर्मचारी बदतमीज़ीकरते हैं । 

इसके बाद भी रोडवेज के उच्चाधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है। सिंधी कैंप बस स्टैंड पर गार्डों की नियुक्ति में भी लंबे समय सेगड़बड़ी की जा रही है। पूरे बस स्टैंड पर एक या 2 गार्ड मौजूद रहते हैं लेकिन पेमेंट अधिक गार्डों का उठाया जा रहा है। सबसे बुरी हालतयहां सफाई की है जिसे लेकर आज मुख्य सचिव भी बहुत नाराज़ हुए। सिंधी कैंप बस स्टैंड पर व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने का सबसेबड़ा कारण है. रोडवेज के अधिकारियों में इच्छा शक्ति की कमी होना। जब तक रोडवेज के बड़े अधिकारी कड़ा एक्शन नहीं लेंगे तबतक यहां सुधार होना मुश्किल नज़र आता है। 

अब देखना ये होगा कि आख़िर कब तक इस लालफ़ीताशाही पर असर नहीं होता। प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियानका असर कब होगा और मोदी के नारे एक दिन आयेंगे की तारिक पर कब इस बस अड्डे के के अच्छे दिन आयेंगे। 

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