मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जयपुर में जेम बोर्स की स्थापना का निर्णय लिया गया है। जेम बोर्स की स्थापना व विकास के लिए जयपुर में लगभग 44 हजार वर्ग मीटर भूमि आरक्षित दर पर उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। यह भूमि जेम बोर्स की स्थापना के लिए गठित जयपुर जेम एंड ज्वैलरी बोर्स (एसपीवी) को औद्योगिक आरक्षित दर से 3 गुना दर पर 99 वर्ष की लीज पर आवंटित की जाएगी।
इससे रत्नों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। लगभग 60 हजार लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। इससे राज्य के आर्थिक विकास और उन्नति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
जेम बोर्स की स्थापना पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फेडरैशन ऑफ राजस्थान एक्सपोर्टर्स तथा राजस्थान निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा को व्यक्तिगत रूप से बधाई दी तथा इस दिशा में उनके निरंतर प्रयासों की सराहना की। राजीव अरोड़ा ने इस पर खुशी जताते हुए राज्य के निर्यातकों व जवाहरात कर्मी समुदाय की तरफ से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मंत्रिमंडल का आभार व्यक्त किया है। अरोड़ा ने इस निर्णय को प्रदेश में निर्यात एवं जवाहरात के विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया है।
उल्लेखनीय है कि राजीव अरोड़ा के प्रतिनिधित्व में ज्वैलर्स समुदाय की तरफ से काफ़ी लंबे समय से यह मांग उठाई जा रही थी। समय समय पर विभिन्न बैठकों में अरोड़ा सरकार को इस आवश्यकता से अवगत करवाते रहे हैं। राजीव अरोड़ा ने बताया कि विदेशी मुद्रा अर्जन करने, रोजगार उपलब्ध करवाने एवं उत्पादन व निर्यात में वृद्धि कर अर्थव्यवस्था को गति देने में जवाहरात उद्यम की प्रमुख भूमिका है। राजस्थान सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के जवाहरतकर्मियों में नया उत्साह संचारित हुआ है, इससे आने वाले समय में प्रदेश में प्रगति की गति को नई रफ्तार मिलेगी।