जेके लोनअस्पताल में मंगलवार को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित 6वर्षीय हृदयांश को 17.50 करोड़ का अमेरिका से मंगवाया गया जोल गेनेस्मा इंजेक्शन रेयर डिजीज यूनिट के इंचार्ज डॉक्टर प्रियांशु माथुर और उनकी टीम ने लगाया।
हृदयांश स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है, जिसके इलाज के लिए इंजेक्शन की जरूरत थी। परिवार क्राउड फंडिंग के जरिए पैसे जुटाने में लगा था।
हृदयांश के माता-पिता नरेश शर्मा और शमा की शादी 7 साल पहले हुई थी। बेटी शुभी (6) के बाद हृदयांश के जन्म से पूरे परिवार में खुशी थी। सिजेरियन डिलीवरी से हृदयांश का जन्म हुआ था। जन्म के समय हृदयांश को किसी तरह की परेशानी नहीं थी। 6 महीने तक वह अपनी बॉडी का अच्छा मूवमेंट करता था। 6 महीने बाद जब परिवार के लोगों ने किसी सहारे से खड़ा करने की कोशिश की तो वह खड़ा नहीं हो पाया था। इसके बाद बीमारी का पता चला था। हृदयांश का परिवार अलवर के मसारी का रहने वाला है। हृदयांश के पिता नरेश शर्मा मनिया (धौलपुर) पुलिस थाने में एसचओ हैं। जो जयपुर में रहकर इलाज करवा रहे थे।
सरफराज ने कहा था कि राजस्थान पुलिस में कार्यरत इंस्पेक्टर के बेटे की तबीयत काफी खराब है। उसके इलाज के लिए करोड़ों की कीमत के इंजेक्शन की जरूरत है। सरफराज ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा डोनेशन देने की अपील की थी।
भरतपुर सांसद रंजीता कोली ने पूरे मामले को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को आर्थिक सहायता देने के लिए पत्र लिखा था। वहीं, राजस्थान सरकार में मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर इंजेक्शन उपलब्ध करवाने के लिए कहा था। बयाना विधायक डॉ. ऋतु बनावत ने अपने विधायक कोष से हृदयांश के परिजनों को 21 लाख रुपए देने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा था।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका की कंपनी ने इस इंजेक्शन की राशि चार किस्तों में लेने की सुविधा दे दी। सभी कीमदद के चलते 9 करोड रुपए की राशि इकट्ठे हुई और यह राशि जब कंपनी को भेजी गई तो उन्होंने इंजेक्शन भेज दिया।