केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि जी-20 में शामिल देशों के व्यापार और निवेश मंत्रियों की बैठक (टीआईएमएम) में अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में बाधाओं को कम करने तथा उत्पादकता और आउटपुट को बढ़ावा देने में मदद कर सभी के लिए आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ाने पर फोकस रहेगा।
जयपुर में गुरूवार को टीआईएमएम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री गोयल ने जी-20 और अन्य आमंत्रित देशों के मंत्रियों से कहा कि ठोस, निर्णायक और सामूहिक रूप से ऐेसे काम किए जाएं जो परिणाम दे सकें।
पीयूष गोयल ने कहा कि टीआईएमएम में बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली, समावेशी व्यापार और व्यापार तथा व्यवसाय को आसान बनाने से जुड़े मुद्दों पर साझा परिणाम प्राप्त करने पर फोकस रहेगा। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर भारत की जी-20 अध्यक्षता में आयोजित चार व्यापार और निवेश कार्य समूह (टीआईडब्ल्यूजी) की बैठकों में विचार-विमर्श किया गया है। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि बैठकों का उद्देश्य निष्पक्ष, समावेशी और टिकाऊ व्यापार तथा इससे सम्बन्धित निवेश नीतियां तैयार करना है।
गोयल ने कहांकि टीआईएमएम में (1) वैश्विक विकास और समृद्धि के लिए बहुपक्षीय व्यापार, (2) समावेशी और लचीले व्यापार तथा (3) पेपरलेस ट्रेड के लिए तकनीक का लाभ उठाने जैसे विषयों पर सत्र होंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा बहुराष्ट्रीय चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इन सत्रों में होने वाली चर्चा से महत्वपूर्ण परिणाम सामने आएंगे।
वणिज्य मंत्री गोयल ने कहा कि टीडब्लूआईजी बैठकों में पांच प्राथमिकता वाले मुद्दों जैसे (1) विकास और समृद्धि के लिए व्यापार, (2) रेजिलिएंट ट्रेड और ग्लोबल वेल्यू चेन्स (जीवीसी), (3) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को विश्व व्यापार से जोड़ने (4) व्यापार के लिए लॉजिस्टिक्स और (5) विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सुधार पर जी20 तथा अन्य आमंत्रित देशों के बीच गहन चर्चा की गई है। .उन्होंने कहा कि आज की आपस में जुड़ी दुनिया में ग्लोबल वेल्यू चेन्स की अवधारणा ने राष्ट्रों के व्यापार और निवेश में शामिल होने के तरीके में क्रांति ला दी है।
उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सुधारों के साथ ही अधिक गतिशील और समावेशी व्यापार का माहौल का होना भी जरूरी है। गोयल ने कहा कि इन सुधारों से उभरते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य की तस्वीर दिखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत व्यापार और निवेश के क्षेत्र में ग्लोबल साउथ को नेतृत्व प्रदान कर सकता है और विश्व अर्थव्यवस्था को और अधिक समावेशी बनाकर एकीकृत कर सकता है। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि जी-20 की भावना सहयोग और आपसी समझ है। इसके निर्णय अर्थव्यवस्था, लोगों की आजीविका और भविष्य की दुनिया को आकार देते हैं।