Tuesday, October 15, 2024

तीन बार के मुख्यमंत्री को झूठ बोलना शोभा नहीं देता,कोटा एयरपोर्ट के लिए राज्य सरकार ने खड़े किए हाथ- संदीप शर्मा

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कोटा। कोटा ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान को भाजपा विधायकों ने झूठा बताया है। उन्होंने कहा कि तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके व्यक्ति को इस तरह की अनर्गल बयानबाजी करना शोभा नहीं देता। हकीकत तो यह है कि ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए भार रहित जमीन देने से राज्य सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं।

कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि एयरपोर्ट का निर्माण केंद्र सरकार करती है, लेकिल उसके लिए भार रहित भूमि उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। चिन्हित भूमि पर जो भी बाधाएं होती हैं, उसको राज्य सरकार ही दूर करवाती है। किशनगढ़ और झालावाड़ इसके उदाहरण हैं। मुख्यमंत्री गहलोत देश में एक भी ऐसा उदाहरण बताएं जिसमें भार रहित भूमि के लिए केंद्र सरकार ने पैसे जमा करवाए हों। सीएम गहलोत कह रहे हैं कि केंद्र सरकार बार-बार राशि बढा रही है जबकि सच्चाई यह है कि राज्य सरकार के आग्रह पर पावरग्रिड ने तो कंसल्टेशन फीस को भी कम किया है। गहलोत गलत बयानी कर खुद मामले को उलझाने की कोशिश कर रहे हैं।

लाडपुरा विधायक कल्पना देवी ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के लिए हाथ खड़े करने की बात कह रहे हैं। सही मायनों में आज सीएम अशोक गहलोत ने कोटा एयरपोर्ट के लिए घुटने टेक दिए हैं। राज्य सरकार के उड्डयन विभाग ने वित्त विभाग से चर्चा कर विभिन्न विभागों को वन भूमि के डायवर्जन और पावर ग्रिड की लाइन शिफ्टिंग के लिए राशि जमा करवाने के आदेश जारी किए। वित्त विभाग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है और आज वे कह रहे हैं कि राशि केंद्र जमा करवा दे। यदि नहीं करवा सकता तो हमें बताए हम एयरपोर्ट बना देंगे। मुख्यमंत्री जानते हैं कि वे सिर्फ 106 करोड़ रूपए जमा करवा देंगे तो कोटा एयरपोर्ट का निर्माण प्रारंभ हो जाएगा। हकीकत में डर उन्हें है कि कहीं स्पीकर बिरला को कोटा एयरपोर्ट का क्रेडिट नहीं मिल जाए।

रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर ने कहा कि तीन बार के मुख्यमंत्री इस तरह सार्वजनिक रूप से झूठ बोले यह शोभा नहीं देता। गहलोत केंद्र सरकार पर अड़चन उत्पन्न करने की बात कह रहे हैं जबकि हकीकत में कोटा एयरपोर्ट का सबसे बड़ा रोड़ा उनके मंत्रिमंडल में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल हैं। वे एयरपोर्ट के लिए आवश्यक 106 करोड़ रूपए की राशि जमा नहीं होने दे रहे। आज धारीवाल ने ही अशोक गहलोत को यूं झूठ बोलने पर मजबूर किया। गहलोत को सोचना चाहिए था कि बिरला इस समय उच्च संवैधानिक पद पर हैं। इतने लम्बे राजनीतिक अनुभव के बाद भी उन्होंने शब्दों की मर्यादा नहीं रखी।

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