Home राजनीति दांतारामगढ़ विधानसभा सीट पर पति-पत्नी के बीच मुकाबला

दांतारामगढ़ विधानसभा सीट पर पति-पत्नी के बीच मुकाबला

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राजस्थान विधानसभा 2023में यह पहला मौका है कि सीकर जिले के दांतारामगढ़ विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला पति-पत्नी के बीच मुकाबला है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह के बेटे विधायक वीरेंद्र सिंह और उनकी बहू पूर्व जिला प्रमुख डॉ. रीटा सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। डॉ. रीटा सिंह ने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से नामांकन भरा है, जबकि विधायक वीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।

रीटा सिंह ने पहली बार वर्ष 1995 में पंचायत समिति का दांतारामगढ़ से ही चुनाव लड़ा और बड़ी जीत दर्ज की थी। तब उन्होंने प्रधान की दावेदारी भी जताई थी, लेकिन दो वोटों से हार गई थीं। इसके बाद वीरेंद्र सिंह इसी सीट से अगले तीन चुनाव लड़े। तीनों ही बार जीते और प्रधान बने।

वर्ष 2004 में रीटा सिंह ने फिर से दांतारामगढ़ से पंचायत समिति का चुनाव लड़ा। उन्होंने फिर से प्रधान के लिए दावेदारी की। इस बार भी वे प्रधान नहीं बन सकीं। दो वोटों से रह गईं और इस बार भी प्रेमलता प्रधान बनीं।

वर्ष 2010 में उन्होंने जिला परिषद का चुनाव लड़ा और इस बार वे जिला प्रमुख बनने में कामयाब हुईं। वे वर्ष 2015 तक सीकर की जिला प्रमुख रहीं। वर्ष 2014 में सचिन पायलट के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रहने के दौरान प्रदेश सचिव का पद संभाला। वर्ष 2018 में उनके पति वीरेंद्र सिंह दांतारामगढ़ से चुनाव जीत कर विधायक बने।

रीटा सिंह ने पीएचडी कर रखी है। उन्होंने दार्जिलिंग से ही पूरी शिक्षा की थी। पिता स्व.मंगल सिंह के दार्जिलिंग में चाय बागान थे। वे दो बहनें और एक भाई हैं। भाई राजसिंह चौधरी मुंबई में एक्टर-डायरेक्टर हैं। फिल्मों को फाइनेंस भी करते हैं। बहन नीटा सिंह भी मुंबई में इंटीरियर डिजाइनर है। उन्होंने परिवार की प्रेरणा से राजनीति को चुना है।

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