Saturday, October 12, 2024

देश की महंगाई दर 5.03 प्रतिशत और राजस्थान की महंगाई दर 6.53 प्रतिशत, कांग्रेस किस मुंह से महंगाई कम करने का दावा करती हैः- अर्जुनराम मेघवाल

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जयपुर। भाजपा प्रदेश कार्यालय पर आज केंद्रीय कानून मंत्री एंव संकल्प पत्र समिति संयोजक अर्जुनराम मेघवाल ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस सरकार के गुड गवर्नेंस के सभी दावों की पोल खोली। महंगाई राहत कैंप के नाम से जनता को गुमराह करने वाली कांग्रेस सरकार ने प्रदेश की जनता पर कर्ज का बोझ बढ़ाने का काम किया है।

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने नारा दिया था कि गुड गवर्नेंस देंगे, लेकिन किसानों की ऋण माफी और बेरोजगारी भत्ते के नाम पर झूठ और भ्रम का जाल फैला कर ये लोग सत्ता में आए हैं। इनके द्वारा किया गया गुड गवर्ननेंस का वादा बैड गवर्नेंस में बदल गया प्रदेश की जीडीपी डाउन है, और कर्जा बढ़ा है। हमारे सामने महंगाई के जो आंकड़े आए हैं, राष्ट्रीय औसत के हिसाब से देखें तो राजस्थान महंगाई के मामले में काफी ऊपर चला गया, जबकि यह नीचे जाना चाहिए था। हम देष की महंगाई दर को देखें तो वह 5.03 प्रतिशत है और वहीं राजस्थान में महंगाई दर 6.53 प्रतिशत है। ऐसे में कांग्रेस जब यह कहती है कि हमने महंगाई कम की है तो इनकी पोल खुल जाती है।

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि देश की महंगाई दर और राजस्थान की महंगाई दर की तुलना करेंगे तो साफ अंतर दिखता है । कांग्रेस के लोग जनता के सामने भ्रम फैलाने का काम करते हैं। इस तरह ये लोग गुड गवर्ननेंस की बात करते हैं जबकि सच यह है कि, प्रदेश को बैड गवर्ननेंस ही मिली है। ये लोग जीडीपी को किस रूप में और कैसे मानते है यह मेरी समझ से बाहर है। जीडीपी तीन प्रकार की होती है उपभोग, निवेश और निर्यात। जिसमें हम उपभोग के मामले में देखें तो देश और राज्य में यह दर 67 प्रतिशत से 70 प्रतिशत होनी चाहिए। लेकिन राजस्थान सरकार उपभोग के मामले में भी खरी नहीं उतर पाई। देश के राष्ट्रीय औसत से इनकी पटरी नहीं बैठी। इसीलिए हम डबल इंजन सरकार की बात करते हैं।

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि जीडीपी का दूसरा घटक होता है निवेश जो कि करीब 28 प्रतिशत से 30 प्रतिशत के करीब होना चाहिए । निवेश दर किसी राज्य में 25 प्रतिशत है। इसके अलावा कुछ अच्छे राज्य है जहाँ इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली माहौल होता है, वहां 30 प्रतिशत पार कर जाता है। निवेश दो तरह का होता है जिसमें एक प्राईवेट इन्वेस्टमेंट होता है जिसे निजी निवेश कहते हैं , और दूसरा पब्लिक इन्वेस्टमेंट होता है जिसको हम सरकारी निवेश कहते हैं। कांग्रेस सरकार ने कई ऐसे समिट किए और एमओयू साईन किये लेकिन वो धरातल पर नहीं उतर पाए। इनकी जो ( RAJASTHAN INVESTMENT PROMOTION SCHEME ) जिसके तहत इन्होने वादा किया था जो निवेश करेगा उसे हम सब्सिडी देंगे। कुछ लोग इन्वेस्टमेंट करने आए थे कुछ राज्य के बिजनेसमैन थे उन्होंने इन्वेस्टमेंट किया। लेकिन उन्हे सब्सिडी नहीं दी गई इस संबंध में कई लोग कोर्ट में गए हैं। तीसरा घटक एक्सपोर्ट (निर्यात) जिसमें आयात के फिगर को कम करके और नेट एक्सपोर्ट फिगर निकालते हैं उसमें भी राजस्थान डाउन आ रहा है। इसलिए प्रदेष में कोई औद्योगिक तरक्की नहीं हुई।

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि प्रदेश में इकोनॉमी डाउन होने से बेरोजगारी दर बढ़ने लगी और उसी का परिणाम है , कि प्रदेश में अपराध और उत्पीड़न के मामले बढ़ने लगे हैं। केंद्र में 2014 में जब हमारी सरकार बनी तब देष अर्थव्यवस्था के मामले में दसवें नंबर पर था उसके बाद हमने सकारात्मक ऊर्जा से काम करना षुरू किया और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में निवेश को बढ़ाने की दिषा में काम किया। हमने हर दिशा में काम किया चाहे वह इंफ्रास्ट्रक्चर हो या निवेष का मामला हो। इन सभी कामों के चलते भारत को दसवें पायदान से उठाकर विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का काम किया। इसके अलावा हम निरंतर प्रयासरत हैं, इसी दशक में हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे।

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