राजस्थान में विधानसभा के चुनाव की तैयारी शुरू कर दी गई है। चुनाव आयोग ने पहली बार पांच राज्यों के हो रहे विधानसभा चुनाव में वोटर को घर पर मतदान की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसमें 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग होने पर यह सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके लिए मतदान से 5 दिन पहले संबंधित मतदाता को सुविधा प्राप्त करने के लिए निर्धारितफॉर्म भर के प्रस्तुत करना पड़ेगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने इस बात के लिए स्पष्ट तौर पर कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से अपना कार्य पूरा करता है। ऐसे में किसी के आरोप लगाने से चुनाव आयोग बदनाम होने वाला नहीं है।उन्होंने कहा कि देश के आम मतदाता का चुनाव आयोग में विश्वास है यही कारण है कि चुनाव के बाद विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की सरकारी बदलता है।
उन्होंने कहा कि इस बारअपराधिक प्रवृत्ति के उम्मीदवारों को राजनीतिक पार्टियोंको स्पष्ट करना होगा कि उन्होंने उन्हें क्यों अपना उम्मीदवार घोषित किया है ।उम्मीदवारों को भी अपनेआपराधिक मामलोंकी जानकारी विभिन्न अखबारों के माध्यम से अपने मतदाताओं तक पहुंचानी पड़ेगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि इस बार के चुनाव में 80 साल से ऊपर के 11.8लाख मतदाता है।100 वर्ष के ऊपर के मतदाता18,462 है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 5.25 करोड़ मतदाता है। इसमें से 2.73 करोड़ पुरुषऔर 2.51 करोड़ महिला मतदाता है। 604 ट्रांसजेंडर और 5.61 लाख दिव्यांग मतदाता है। प्रदेश में 51,756 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार 50 प्रतिशत पोलिंग बूथ से लाइव वेब कास्टिंग होगी जिससे कि चुनाव में गड़बड़ियों को रोका जा सके। प्रदेश में 1600 बूथ ऐसे होंगे जिनकी व्यवस्थाएं महिलाएं संभालेगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि राजस्थानप्रदेश की सीमाएं पांच राज्यों और अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगती है।ऐसे में चुनाव आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि खासकर पंजाब और हरियाणा के साथ ही अंतरराष्ट्रीय सीमा पर विशेष निगरानी रखी जाए। इन जगहों से ड्रग्स और शराब की तस्करी पर चौकसी रखने के लिए 357 चेक पोस्ट तैनात करने के निर्देश प्रदान किए हैं।