कांग्रेस कार्य समिति ने पार्टी नेता राहुल गांधी को सर्वसम्मति से लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाने का प्रस्ताव पारित किया और कहा कि वे ही लोकसभा में पार्टी के मुद्दों को प्रभावी तरीके से उठा सकते हैं। राहुल गांधी ने इस बारे में सोचने के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी से कुछ वक्त मांगा। गांधी ने कहा है कि वह कार्यसमति के निर्णय पर बहुत जल्द फैसला लेंगे।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल तथा पार्टी के संचार विभाग प्रभारी जयराम रमेश ने शनिवार को कार्यसमिति की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कार्य समिति ने गांधी को विपक्ष का नेता बनने का प्रस्ताव पारित किया है। उम्मीद है कि राहुल गांधी प्रस्ताव को स्वीकार कर लेंगे।
वेणुगोपाल ने कहा कि कार्य समिति ने सर्वसम्मति से राहुल गांधी से लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद संभालने का अनुरोध किया है। गांधी इसके लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं और वह संसद में पार्टी के मुद्दों को शिद्दत के साथ उठाने और पार्टी का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में उत्साह का माहौल था और सभी नेता लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन से उत्साहित थे। नेताओं के मूड से लग रहा था कि उन्हें भरोसा हो गया है कि कांग्रेस का पुनरुद्धार का कार्य अब शुरू हो गया है।
रायबरेली या वायनाड पर खींचतान
राहुल गांधी रायबरेली या वायनाड में से अपने पास कौन सी सीट रखेंगे, इसपर वेणुगोपाल ने कहा कि इस बारे में तीन-चार दिन में फैसला लिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि बैठक में इसे लेकर चर्चा हुई है और 17 जून से पहले इस पर फैसला लिया जाएगा। कांग्रेस कार्यसमिति में नेताओं के बीच इस बात पर दोस्ताना खींचतान भी हुई कि राहुल गांधी को रायबरेली या वायनाड में से कौन सी सीट छोड़नी चाहिए।