प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना लांच की। इस योजना के तहत 18 व्यवसाय से जुड़े लोगों को फायदा मिलेगा। इसके लिए ₹ 13 हजार करोड का बजट रखा गया है ।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी जिंदगी में लोहार, दर्जी जूते वालों की अहमियत खत्म नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि आज भी हम मटके और सुनाई का पानी पसंद करते हैं मोनू राम टेक्नोलॉजी कहीं भी पहुंच जाए इसकी अहमियत हमेशा रहेगी हमारी सरकार विश्वकर्मा भाइयों का सम्मान और सामर्थ बढ़ाने का सहयोग ही बनकर काम करना चाहती है।
पीएम मोदी ने कहा कि शायद ही कोई ऐसा गांव होगा जहां पर 18 प्रकार के काम करने वाले लोग नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए ₹ 13 हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं 30 साल पहले ब्रसेल्स गया था मां पर मुझे एक मित्र ज्वेलर्स के मार्केट में ले गया जहां बताया गया है कि यहां पर मशीन से बनी हुई ज्वेलरी पसंद नहीं की जाती है बल्कि कारीगर बनाते हैं उसे पसंद करते हैं ।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्वकर्मा साथियों के लिए ट्रेनिंग को बहुत जरूरी है। ट्रेनिंग के दौरान आपको रोज ₹ 500 भत्ता सरकार द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि टूलकिट के लिए ₹ 15 हजार का वाउचर मिलेगा मार्केटिंग के लिए सरकार मदद करेगी। उन्होंने आग्रह किया कि जीएसटी वाली दुकानों से सामान खरीदें और दूसरा टूल्स इंडिया में ही खरीदें।
पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी। इनमें बढ़ई, नौका निर्माता, शस्त्रसाज, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला, मोची (जूता/जूता कारीगर), राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाला, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला शामिल हैं।