मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश की 8 करोड़ जनता का पुलिस पर विश्वास है तथा यह महकमा इसी विश्वास को कायम रखते हुए राज्य में अपराध को नियंत्रित कर रहा है जिससे राजस्थान के शांति प्रिय राज्य के दर्जे को दोबारा कायम किया जा सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने शुरू से ही कानून व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है तथा आगे भी आमजन की अपेक्षा के अनुरूप पुलिस तंत्र को और मजबूत बनाया जाएगा जिससे कानून व्यवस्था सुदृढ़ तथा मजबूत बन सकें।
मुख्यमंत्री राजस्थान इन्टरनेशनल सेन्टर में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर इस वर्ष जयपुर में जनवरी में आयोजित हुए अखिल भारतीय डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस की देश भर में तारीफ की गई। इस कॉन्फ्रेंस में दिए गए निर्देशों की पूर्ण पालना एवं समयबद्ध रूप से मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। इसी दिशा में आज आयोजित हो रहे इस सम्मेलन से प्रदेश में पुलिसिंग की कार्यप्रणाली बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा गठन के अगले दिन ही एंटी गैंगस्टर टॉस्क फोर्स तथा पेपरलीक प्रकरणों को रोकने के लिए एसआईटी का गठन जैसे निर्णय यह दर्शाते है कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था का इकबाल बुलन्द करने के लिए प्रतिबद्व है।
भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई जाए
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि आज अपराध का स्वरुप बदल गया है साइबर क्राइम से लेकर संगठित अपराध जैसी चुनौतियों का सामना करते हुए पुलिस को अधिक सशक्त बनकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा प्रदेश में ऑपरेशन एंटीवायरस के तहत साइबर क्राइम को रोकने के लिए अच्छा काम किया जा रहा है। इसे तेज गति देते हुए साइबर क्राइम को पूर्ण समाप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि युवाओं में नशे की प्रवृति पर रोकथाम अतिआवश्यक है। साथ ही भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाते हुए पुलिस निष्पक्ष एवं ईमानदारी से काम करें।
अपराधियों पर शिथिलता बरतने वाले पुलिसकर्मियों को किया जाएगा चिन्हित
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि पुलिस राज्य का सबसे महत्वपूर्ण तंत्र होता है तथा कोई भी राज्य बिना दंड के नही चल सकता लेकिन दंड की परिभाषा सुनिश्चित करनी पडेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस कार्मिकों को पुरस्कार तथा अपराधियों पर शिथिलता बरतने वाले पुलिसकर्मियों को चिन्हित करेगी। उन्होंने कहा कि महिला अपराध को कम करने एवं महिला सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएं। उन्होंने आश्वस्त किया कि पुलिस विभाग को किसी भी तरह के साधन-संसाधन में कमी नहीं होने दी जायेगी। साथ ही, पुलिस महकमे में महिला संख्या बल को बढ़ाया जायेगा तथा पुलिस भर्ती की जायेगी।
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए राजस्थान पुलिस सदैव तत्पर रहती है। राज्य को ‘अपराध मुक्त राजस्थान’ बनाने के लिए पुलिस निरंतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पुलिस विभाग का मनोबल ऊंचा है तथा मुख्यमंत्री सदैव विभाग को प्रोत्साहित करते रहते है।
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि अपराध नियंत्रण में राजस्थान जिस गति से कार्य कर रहा है उससे देश मे प्रदेश की अच्छी छवि बनी है। उन्होंने अपराध नियंत्रण के लिए परम्परागत पुलिसिंग को भी बढ़ावा देने तथा नये कानूनां के प्रशिक्षण के लिए पुलिस कार्मिकों को आइगोट मिशन कर्मयोगी जैसे डिजीटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करने पर जो़र दिया।
महानिदेशक यूआर साहू ने बताया कि दो दिवसीय राज्य स्तरीय पुलिस सम्मेलन में ‘पुलिसिंग विद एक्सीलेंस- द वे फॉरवर्ड’ थीम पर दर्जनभर सत्र आयोजित होंगे। इनमें न्यू क्रिमिनल लॉ, आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस टूल्स, डीप फेक, साइबर सिक्योरिटी, मादक पदार्थां की स्मगलिंग की रोकथाम जैसे सत्रों का आयोजन किया जायेगा। इससे बेहतर पुलिसिंग का रोडमैप तैयार होगा।
कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह आनन्द कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस दौरान मुख्यमंत्री ने परिसर में आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ पुलिस अधिकारियों ने ग्रुप फोटो भी लिया। इस अवसर पर अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, प्रशिक्षण श्रीमती मालिनी अग्रवाल, अतिरिक्त महानिदेशक, कानून व्यवस्था विशाल बंसल सहित राज्यभर से पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा जिलों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जिलों के पुलिस अधीक्षक जुड़े।