राजस्थान सरकार ने राजीव गांधी युवा मित्रो की इंटर्नशिप के तहत हज़ारों बेरोजगारों की योजना समाप्त की है। यह सरकार का फैसला है लेकिन इस पर भी सियासत हावी हो रही है। कल पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का बयान आया की हमने पंचायत सहायकों को स्थाई किया, जबकि ये बीजेपी सरकार के समय के द्वारा लगाए गए थे। इसके बाद संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा के नेता और पंचायत शिक्षक विधालय सहायक संघ के संयोजक रामजीत पटेल ने कहा कि शायद डोटासरा भूल गए कि चुनाव पूर्व उन्होंने पंचायत सहायकों को भाजपा का एजेंट कहा था, उसका परिणाम उनके सामने है विधानसभा के चुनावों में इन्हें सबक़ सीखा दिया हैं अब दुबारा उस बात को दोहराने का मतलब लोकसभा चुनाव में भी राजस्थान से कांग्रेस सूपड़ा साफ चाहती है, क्योंकि पंचायत सहायकों को स्थायी तो दूर की बात केवल संविदा से संविदा में रखने मात्र को स्थाई कहकर उनके ऊपर जले पर नमक छिड़कने के समान है। रामजीत पटेल ने कहा पहले भी 14 वर्षो में विद्यार्थी मित्रों को सरकारों ने कई बार घर बैठा दिया था लेकिन इस प्रकार की सियासत और झूठ की राजनीत कभी नहीं देखी , अब पंचायत सहायकों को उम्मीद है भाजपा सरकार ही इनकी नैया पार लगाएगी , संघ के नेता रामजीत पटेल ने कहा इसके लिए जल्द ही प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित करके आगामी निर्णय इन्ही शीतकालीन सत्र में लिए जायेंगे उसकी तैयारी जोर शोर से प्रदेशभर के ब्लॉक और जिलों में चल रही है ।