Wednesday, December 25, 2024

प्रदेश में प्ले स्कूल की तर्ज पर विकसित होंगे आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि: डॉ. मंजू बाघमार

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महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मंजू बाघमार ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए कृतसंकल्पित है। उन्होंने कहा कि बच्चों को पोषाहार के रूप में सप्ताह में तीन दिन दूध दिया जाएगा, 2000 आदर्श आंगनबाड़ी के साथ ही ब्लॉक स्तर पर 365 आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र बनाये जाएंगे। वहीं, लाडो प्रोत्साहन योजना जैसी योजनाओं से बालिका सशक्तीकरण किया जाएगा। प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

डॉ. बाघमार मंगलवार को विधानसभा में महिला एवं बाल विकास विभाग (मांग संख्या-32) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रही थीं। चर्चा के बाद सदन ने महिला एवं बाल विकास विभाग की 32 अरब 12 करोड़ 10 लाख 34 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में राज्य की 365 बाल विकास परियोजनाओं के अधीन 62 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पूरक पोषाहार, शाला पूर्व शिक्षा, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच एवं संदर्भ सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दी जा रही विभिन्न सेवाओं से राज्य के लगभग 42 लाख गर्भवती एवं धात्री माताओं, किशोरी बालिकाओं एवं 6 वर्ष तक के बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है। 

डॉ. बाघमार ने बताया कि प्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर पर पोषण पंचायतों का गठन किया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पुराने उपकरणों को बदलकर 31 हजार 694 स्टेडियोमीटर तथा इतने ही इन्फेन्टोमीटर तथा 21 हजार 367 वजन मशीन उपलब्ध कराये गए हैं। प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के अंतर्गत 50 हजार के लक्ष्य के मुकाबले 85 हजार 500 पात्र महिलाओं को योजना का लाभ दिया गया है। उन्होंने बताया कि योजना में अब तक लगभग 26 लाख 35 हजार लाभार्थियों को लगभग 959.70 करोड़ की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि योजना में प्रथम बच्चे के जन्म पर देय राशि में 1500 रुपये की वृद्धि की गई है। अब योजना की पात्र महिलाओं को 5000 के स्थान पर 6500 रुपये मिलेंगे। वहीं, योजना के अंतर्गत दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को 6500 के स्थान पर 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आईजीएमपीवाई योजना के तहत राज्य सरकार के 7 माह के कार्यकाल के दौरान 2 लाख 35 हजार 243 लाभार्थियों को लगभग 74.67 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने बताया कि 6204 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केन्द्रों में क्रमोन्नत किया गया है। इन क्रमोन्नत आंगनबाड़ी में दो मानदेयकर्मी रहेंगे, जिसके अनुरूप 6204 मानदेयकर्मियों का चयन किया जा रहा है। राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में 1 अप्रेल, 2024 से 10 प्रतिशत की वृद्धि की है। आगे भी क्रमिक वृद्धि की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर एक-एक आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित होंगी, जिनमें विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। प्रदेश में चरणबद्ध रूप से प्रत्येक आंगनबाड़ी में शुद्ध पेयजल, बिजली एवं शौचालय उपलब्ध कराने के प्रथम चरण में इस वर्ष 2 हजार आंगनबाड़ी को आदर्श आंगनबाड़ी के रूप में विकसित किया जाएगा। इन आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्ले स्कूल जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जिनमें चाइल्ड फ्रेंडली फर्नीचर एवं आरओ वाटर तथा अन्य सुविधाएं शामिल हैं। डॉ. बाघमार ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाले लगभग 36 लाख बच्चों को उचित पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए सप्ताह में तीन दिन दूध उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए 200 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। वहीं, जनप्रतिनिधियों की मांग को देखते हुए प्रथम चरण में राज्य मद से प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में 5-5 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्र खोले जाएंगे। 

राज्य मंत्री ने कहा कि बाबा साहेब अम्बेड़कर जी ने कहा था कि “मैं किसी समुदाय की प्रगति को महिलाओं द्वारा हासिल की गई प्रगति के स्तर से मापता हूँ। ” राज्य सरकार बालिकाओं एवं महिलाओं के समग्र विकास के लिए विभाग सतत् प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि विवाह पर होने वाले अनावश्यक खर्च एवं बाल विवाह जैसी कुरीति को रोकने के लिए प्रदेश में सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना संचालित है। वर्तमान में योजना के तहत प्रति जोड़ा 25 हजार की राशि दी जाती है। प्रदेश की किशोरियों तथा महिलाओं के लिए निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन वितरण हेतु “उड़ान योजना” संचालित है। सैनेटरी नैपकिन अपशिष्ट के पर्यावरण अनुकूल निस्तारण के लिए ‘राजस्थान राज्य सैनेटरी नैपकिन अपशिष्ट प्रबंधन नीति का प्रारूप तैयार किया गया है।

डॉ. बाघमार ने कहा कि राज्य सरकार ने बालिका सशक्तीकरण की दिशा में एक नई योजना “लाडो प्रोत्साहन योजना” प्रारम्भ करने की घोषणा की है, जिसके तहत बालिकाओं के लिये विभिन्न चरणों में 1 लाख रूपये दिये जाने हेतु वित्तीय प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के जन्म पर कन्या वाटिका के तहत लगभग 70 हजार पौधारोपण किया गया।

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा साथिन मानदेयकर्मियों का मानदेय 5313 रूपये से बढ़ाकर 5844 रूपये प्रतिमाह किया है।

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