विधानसभा में बिजली कटौती और बिलों में फ्यूल सरचार्ज को लेकर प्रतिपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन में फ्यूल सरचार्ज वापस लेने को लेकर नारे भी लगाए। प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली के साथ कांग्रेस विधायक मनीष यादव और आशीष चाचाण ने भी सरकार को घेरा।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि इस मामले को लेकर विधानसभा में एक दिन चर्चा कराई जाएगी और इसका निर्णय विधानसभा कार्य सलाहकार समिति की बैठक में किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष के इस आश्वासन के बावजूद भी सदन में बिजली के मामले को लेकर प्रतिपक्ष हंगामा करता रहा।
नेता प्रतिपक्ष ने ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर पर बिजली किल्लत मामले में सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर जवाब दे रहे हैं कि प्रदेश में 22 घंटे बिजली की सप्लाई कर रहे हैं। जबकि मई में 25 फीसदी और जून में 28 फीसदी कम बिजली है तो फिर इतनी सप्लाई कहां से दे रहे हैं। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि हम अतिरिक्त बिजली खरीदकर डिमांड पूरी कर रहे।
विधानसभा में सोमवार 22 जुलाई को बिजली के मुद्दे पर तीन बार हंगामा हुआ। एक बार प्रश्नकाल और दो बार शून्यकाल में हंगामा हुआ।
कांग्रेस विधायक मनीष यादव ने शून्यकाल में बिजली उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज लगाने और बिजली कटौती का मुद्दा उठाया। यादव ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बात खत्म की, इसके बाद बाकी कांग्रेस विधायकों ने भी उनका साथ दिया।
शून्यकाल के दौरान पहली बार कांग्रेस विधायक अमित चाचाण के फ्यूल सरचार्ज पर स्थगन प्रस्ताव के जरिए मामला उठाने के बाद हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार ने लोगों पर फ्यूल सरचार्ज का बोझ फिर डाल दिया है, इसे खत्म करवना चाहिए। इसके बाद कुछ देर हंगामा हुआ। दूसरी बार कांग्रेस विधायक मनीष यादव के मुद्दा उठाने पर हंगामा हुआ।