ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर कुप्रबंधन के साथ ऊर्जा सेक्टर की उपेक्षा का आरोप लगाते कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रीअशोक गहलोत पर जनता को गुमराह करने और झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने छत्तीसगढ़ के सीएम का पूर्व में आवंटित कोल ब्लॉक के लिए धन्यवाद दिया और लंबित 2 कोल ब्लॉक के और स्थानांतरण के लिए आग्रह किया तो पूर्व सीएमगहलोत ने इस पर राजनीति शुरू कर दी।
सोमवार को ऊर्जा राज्य मंत्री नागर ने संवाददाता सम्मेलन मेंइस बात को स्वीकार किया कि आने वाले समय में बिजली के दाम और बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा किबिजली के दाम निर्धारित करने में बिजली नियामक आयोग के दिशा निर्देशों को मनाना ही पड़ता है।उन्होंनेअपने वादे को दोहराते हुए कहा किपूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने100 यूनिट बिजली फ्री करने की योजना को अब भी जारी रखा जाएगा।उन्होंनेस्वीकार करते हुए कहा कि इस कैटेगरी के नए उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं मिलेगा।
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि बिजली चोरी को रोकने के लिए कारगर कदम उठाने का दावा किया।उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 से 18 तक भाजपा सरकार ने बिजली कंपनियों के 62 हजार 400 करोड़ रूपए का ऋणभार उदय योजना के तहत चुकाया और 5 साल में इन कंपनियों को ऋण मुक्त कर 2607 करोड़ का वित्तीय लाभ की स्थिति में पहुंचा दिया था। जबकि 2019-23 तक फिर से कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन के चलते बिजली कंपनियों का घाटा 1 लाख 39 हजार करोड़ तक पहुंचा दिया गया। गहलोत सरकार ने डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को भी 88 हजार 700 करोड़ का कर्ज में डूबोया और समय पर कर्ज नहीं चुका पाने के चलते 300 करोड़ रूपए तो केवल पेनल्टी के तौर पर चुकाए है। ऐसे में कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन का खामियाजा प्रदेश की जनता को फ्यूल सरचार्ज के तौर पर चुकाना पड़ रहा है। कांग्रेस सरकार ने अन्य राज्यों से बैंकिंग के माध्यम से बिजली उधार ली, जो भाजपा सरकार को गर्मी के सीजन में लौटानी पड़ी। इससे प्रदेश में बिजली व्यवस्था कुछ समय के लिए चरमरा गई।
ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय प्रदेश के बिजली घर कोयले के लिए तरसते रहे। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद पूर्ववर्ती गहलोत सरकार आवंटित कोल ब्लॉक से समय पर खनन तक शुरू नहीं करवा पाई। ऐसे में प्रदेश में बिजली उत्पादन के लिए महंगा कोयला खरीदा गया। इसकी गुणवत्ता घटिया थी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा महंगी दरों पर खरीदे गए कोयले में राख की मात्रा अधिक होने से उत्पादन निगम की यूनिटें बार-बार बंद तक हो गई। घटिया कोयला खरीदने से राज्य के थर्मल बिजलीघर अपनी क्षमता से 50 फीसदी ही उत्पादन कर पाए।
ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि भाजपा की भजनलाल सरकार प्रदेश को ऊर्जा के सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने 7 माह में केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के साथ मिलकर 1 लाख 60 हजार करोड़ के एमओयू किए। इससे राजस्थान में 31825 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इतना ही नहीं, भाजपा सरकार की ओर से 11200 मेगावाट के पावर प्लांट्स की निविदा टैरिफ आधारित आमंत्रित की जा चुकी है। वहीं राजस्थान में 2 हजार से 2500 मेगावाट क्षमता की अक्षय ऊर्जा और पम्प स्टोरेज आधारित विभिन्न परियोजनाओं को भाजपा सरकार धरातल पर लाने की ओर अग्रसर है। राज्य सरकार की ओर से ऊर्जा के क्षेत्र में शुरू की जा रही विभिन्न परियोजनाओं को पूरा होने पर बेस लोड और पीक लोड डिमांड को पूरा किया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहां कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश की डबल इंजन सरकार जनहित के ऐतिहासिक फैसले कर रही है। केंद्र सरकार ने प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में फीडरों के सेग्रीगेशन के लिए आरडीएसएस योजना में 7896 करोड़ रूपए की मंजूरी दी है। इस योजना से किसानों के साथ घरेलु उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलेगा। भाजपा सरकार जल्द ही 1 लाख 45 हजार कृषि कनेक्शन जारी करेगी और प्रसारण तंत्र को मजबूत करने के लिए 112 नए ग्रिड सब स्टेशन बनाएगी। वहीं दूसरी ओर भाजपा सरकार ने बजट में प्रत्येक जिले में आदर्श सौर ग्राम बनाने की घोषणा भी की है। इसमें 2 हजार मेगावाट के सौलर प्लॉट से ग्रामवासियों को बिजली देंगे।
उन्होंने कहा कि राजकीय कार्यालयों को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सरकार 25 लाख स्मार्ट मीटर लगाने, वंचित 2 लाख 8 हजार परिवारों को घरेलु कनेक्शन जारी करने एवं कुसुम सी योजना में किसान भाइयों को दिन में बिजली देने का काम जल्द ही पूरा किया जाएगा।
प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा विधायक गुरदीप सिंह बराड़ और भाजपा प्रदेश मीडिया संयोजक प्रमोद वशिष्ठ उपस्थित रहे