सीकर जिले के सोभासरिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शनिवार को ”वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक संस्थानों के योगदान: प्रो. एस.एन. बोस“ विषय पर कार्यक्रम आयोजित हुआ। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय तथा विज्ञान भारती के संयुक्त तत्वावधान में “आजादी का अमृत महोत्सव“ श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल कलराज मिश्र रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक संस्थानों के योगदान एवं अन्य संबधित विषयों पर विचार विमर्श करते हुये आज के समय की आवश्यकता बताते हुए भारतीय संस्कृति और वैज्ञानिक सरोकारों से नई पीढ़ी को जोड़ने के महत्व पर प्रकाश डाला। ब्रिटिश राज द्वारा भारतीय विज्ञान के विकास तथा भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान को सही पहचान न देने के बावजूद भारतीय वैज्ञानिको ने न केवल अपना कार्य जारी रखा बल्कि भारत को नई उपलब्धियां हासिल करने में सहायता की।
जगदीश चन्द्र बसु, महेन्द्र लाल सरकार तथा प्रफुल्ल चन्द रे जैसे अनेक महान वैज्ञानिकों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया की सत्येन्द्र नाथ बोस एवं अन्य वैज्ञानिको ने भारतीय गौरव को विश्व भर में स्थापित किया तथा हमारी प्राचीन विज्ञान परम्परा को फिर से जीवंत किया। राज्यपाल कलराज मिश्र ने संविधान की उद्देशिका का वाचन किया एवं नागरिकों को उनके मूल कर्तव्य से अवगत करवाया। कार्यक्रम के अन्तर्गत विद्यार्थियों के लिए विज्ञान प्रदर्शनी, पोस्टर प्रतियोगिता, मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में सीकर सांसद श्री सुमेधानन्द सरस्वती एवं अन्य सभी शिक्षाविदों ने प्रो. एस.एन बोस की जीवन यात्रा तथा स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उपेक्षित वैज्ञानिकों को प्रकाश में लाना रहा।