Home टेक्नोलॉजी भारद्वाज फाउंडेशन जयपुर के साथ मिलकर आईटी वॉइस एक्सपो 2024 का राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में इंडस्ट्री एकेडमिया इंटरफेस के रूप में आगाज

भारद्वाज फाउंडेशन जयपुर के साथ मिलकर आईटी वॉइस एक्सपो 2024 का राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में इंडस्ट्री एकेडमिया इंटरफेस के रूप में आगाज

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जयपुर,16 फरवरी 2024।
भारद्वाज फाउंडेशन जयपुर एवं आईटी वॉइस एक्सपो 2024 के संयुक्त तत्वाधान में आईटी इंडस्ट्री एवं एकेडमिक इंटरफेस प्रोग्राम सीरीज का 42 वें सेशन का आज राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजन किया गया।

नए भारत के निर्माण में आईटी की भूमिका के इस सेशन में भारद्वाज फाउंडेशन जयपुर के फाउंडर प्रेसिडेंट डॉ पीएम भारद्वाज जो कि भारत सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की चार संस्थाओं के एमडी /सीएमडी भी रहे चुके हैं ने प्रोग्राम के बारे में बताते हुए आगाज किया कि इस 42 वें इंटरफेस प्रोग्राम का विषय रोल ऑफ़ आईटी इन मेकिंग न्यू भारत आज के बदलते हुए वक्त एवं तकनीकी दुनिया में अत्यधिक समीचीन है।

प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड एंबेसडर डॉ डीपी शर्मा जो कि यूनाइटेड नेशंस में आईटी सलाहकार भी हैं, न्यूयॉर्क से चलकर इस प्रोग्राम में भाग लेने के लिए भारत पहुंचे। उन्होंने सात कुलपतियों, पांच कॉलेज के डायरेक्टर, चार इंडस्ट्री के निदेशकों, सैकड़ो आईटी प्रोफेशनल्स एवं छात्रों को स्वच्छ भारत की शपथ दिलाई।

आईटी वॉइस एक्सपो 2024 के मुख्य आयोजक तरुण टांक के बताया कि यह एक्सपो उनका चौथा आयोजन है जिसमें 200 से अधिक आईटी कंपनियों ने अपने इंस्टाल लगाए हैं और 50000 से ज्यादा दर्शकों ने इस एक्सपो को देखा है।

डॉ पीएम भारद्वाज ने प्रोग्राम को प्रारंभ करते हुए कहा कि 10 साल पहले तक आईटी एक ब्रांच थी लेकिन आज आईटी हर क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई है। आज आईटी एक विशिष्ट आयामी इंडस्ट्री बन चुका है जिसकी शाखाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक डाटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी कोडिंग एवं सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इत्यादि अति महत्वपूर्ण हैं।

उन्होंने कहा कि जो आधारभूत ब्रांचेस सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल है इन सभी में बेहतरीन रिजल्ट लाने के लिए आईटी की शाखाओं का उपयोग करना राजस्थान एवं भारत मे बहुत जरूरी है l
डॉ भारद्वाज ने बताया कि भारद्वाज फाउंडेशन जयपुर द्वारा राष्ट्रीय स्तर के इंटरफेसिंग के पूर्व 41 कार्यक्रम मणिपाल यूनिवर्सिटी, जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, जेके लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी, ऑल इंडिया कौंसिल फौर टेक्निकल एजुकेशन, राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी बीकानेर, टेक्निकल यूनिवर्सिटी कोटा, आर्या ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस मेन कैंपस इत्यादि में कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं जिनमें समय की आवश्यकता के अनुसार टॉपिक डिस्कस किए गए थे जहां प्रसिद्ध इंडस्ट्री एवं अकादमिक ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस तरह के प्रोग्राम्स में राजस्थान के गवर्नर, सेंट्रल मिनिस्टर एवं विभिन्न उद्योग एवं शैक्षणिक संस्थाओं के डेलीगेट्स भी पार्टिसिपेट कर चुके हैं।
डॉ पीएम भारद्वाज ने सभी को शपथ भी दिलवाई कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, वैल्यू बेस्ड, प्रैक्टिकल ओरिएंटेड, स्किल बेस्ड एजुकेशन का प्रचार एवं प्रसार करेंगे और एजुकेशन इंडस्ट्री कनेक्ट का भी पूरा ध्यान रखेंगे।

राष्ट्रीय स्तर के मोटीवेटर डॉ पीएम भारद्वाज ने कहा कि भारत दोबारा से सोने की चिड़िया एवं विश्व गुरु बनेगा जिसके लिए हमारे विद्यार्थियों को बहुत ज्यादा मेहनत करनी चाहिए।

उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के इस डायलॉग को भी प्रोग्राम में दोहराया कि उठो, जागो, लक्ष्य बनाओ और जब तक लक्ष्य नहीं पूरा हो जाए तब तक आगे बढ़ते रहो। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष के पास सब तरह के सुविधाएं हैं विश्व गुरु बनने के लिए l

अमेरिका से सिर्फ इस एक्सपो के लिए आए डॉ डी.पी.शर्मा ने संकल्प लेते हुए कहा कि आज जरूरत है कि हम संकल्प लें और इस बारे में पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़ें जिससे जल्दी हमारा देश दोबारा विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया बन जाए।
डॉ शर्मा ने टेक्नोलॉजी सस्टेनेबिलिटी एवं ह्यूमन वैल्यू पर ध्यान देते हुए कहा कि हम तकनीकी दुनियां में पीछे नहीं जा सकते मगर दुनिया में तकनीकी विकास को अगर वरदान बनाना है तो पर्यावरण एवं मानवता के ऊपर ध्यान देते हुए विकास करना होगा वरना यही तकनीक वरदान के बजाय अभिशाप बन जाएगी। डॉ शर्मा ने दुनिया के राजनीतिक अध्यक्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सूचना तकनीकी दुनिया का सबसे बड़ा सिरमौर बताया।
भारद्वाज फाउंडेशन जयपुर एवं आईटी वॉइस के संयुक्त तत्वाधान के इस सेशन में इन सभी हस्तियों ने अपने विचार व्यक्त किये।
शिक्षा एवं इंडस्ट्री के क्षेत्र में काम कर रहीं इन सभी हस्तियों ने अपने अपने विचार आईटी के महत्वपूर्ण रोल नया भारत बनाने के बारे में प्रकट किये।

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