प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने राज्य में भीषण गर्मी में 6 से 8 घंटे तक बिजली कटौती से आम जनता को हो रही परेशानी पर सरकार और उसके अधिकारियों को आडे हाथ लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा अधिकारियों को बिजली कटौती नहीं करने के निर्देश दिए जाने के बावजूद प्रदेश में लगातार बिजली कटौती होना यह दर्शाता है कि सरकार और अधिकारियों के मध्य तालमेल का अभाव है।
प्रतिपक्ष नेता जूली ने तंज कसते हुए कहा कि असमंजस की स्थिति में बनी सरकार में सभी असमंजस में हैं। मुख्यमंत्री शर्मा बिना जानकारी किए निर्देश दे देते हैं, कि राज्य में बिजली कटौती नहीं की जाएगी और रोजाना 5-6 घंटे की कटौती से जनता में त्राहि त्राहि मची हुई है। उन्होंने मंत्री जी के बयान की हास्यास्पद बताया कि दिन में आपूर्ति पूरी की जा रही है, रात को लोग घर पर आते है, तो बिजली की खपत बढ़ जाती है, तो रात में आदमी अपने घर नहीं आएगा क्या?
प्रतिपक्ष नेता जूली ने कहा कि भीषण गर्मी की वजह से बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है और इसका आंकड़ा लगभग 280 लाख यूनिट प्रतिदिन तक पहुंच गया है। बिजली की मांग और सप्लाई में अंतर ज्यादा होने से प्रदेश में फॉल्ट, ट्रिपिंग, और कम वोल्टेज की दिक्कतों से आम जनता परेशान हो रही है। अब तो हालत यह हो गए हैं कि प्रदेश की लगभग 3 लाख से अधिक लघु, मध्यम और वृहद् श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों में भी बिजली कटौती की संभावना बन रही है। दिन भर का थका मांदे लोग रात को जब गहरी नींद में होते हैं, तब अचानक बिजली कटौती से उनकी नींद खराब हो जाती है। बिजली विभाग के अभियंताओं की हालत यह है कि रात के समय तो वह उपभोक्ताओं के फोन तक नहीं उठाते, कॉल सेंटर का नंबर हमेशा व्यस्त बताता है।
आम जनता द्वारा विधायकों कलेक्टरों एवं विभागीय अधिकारियों को शिकायत दर्ज करने के उपरांत भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
प्रतिपक्ष के नेता जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री स्थिति का आकलन तो इससे ही हो जाता है, उनके द्वारा कटौती वाले जिले के कलक्टर के खिलाफ कारवाई की बात की जाने के बावजूद आज कितने कलक्टरों के खिलाफ कारवाई की गई। उन्होंने मांग की है कि निर्बाध बिजली आपूर्ति नहीं करने वाले जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्यवाही कर बिजली कटौती से आम जनता को राहत दिलवाई जाए।