महंत राघवाचार्य का शुक्रवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया। सुबह दिल का दौरा पड़ा उन्हें इलाज के लिएसीकर के अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने मृतक घोषित कर दिया। रेवासा में शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा।
रैवासा धाम और जानकीनाथ मंदिर के प्रति उनकी सेवा और समर्पण को हमेशा याद किया जाएगा। महंत राघवाचार्य ने अपने जीवन में जो कार्य किए, वे उनकी सच्ची भक्ति और योगदान को दर्शाते हैं।
जानकीनाथ मंदिर, जो 1570 में स्थापित हुआ था, राजस्थान के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। महंत जी ने इस पीठ की परंपराओं और संस्कृति को संजोने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रैवासा धाम के पीठाधीश्वर के रूप में उनकी भूमिका ने स्थानीय और क्षेत्रीय वैष्णव संप्रदाय के विकास में भी योगदान किया। उनके निधन से जो खालीपन उत्पन्न हुआ है, उसे भरना आसान नहीं होगा। हम उनके परिवार, भक्तों और अनुयायियों के प्रति अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करते हैं और आशा करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति मिले।