मानगढ़ धाम से विधानसभा की सीटों साधने की कोशिश ,आदिवासी वोटबैंक मे दोनों पार्टियों की तीखी नजर, धार्मिक आस्था के जरिए कोटबंक मे सेंध की रणनीति पहले आए थे मोदी, अब आ रहे राहुल, इसी जगह से सधेगी राजस्थान और मध्यप्रदेश की जनजाति सीटें
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दौरे एक बार फिर से शुरू हो गए हैं और उनकी सदस्यता बहाल होने के बाद अब वे सबसे पहले राजस्थान मे होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए राजस्थान ओर मध्यप्रदेश दोनों राज्यों से सटे मानगढ़ धाम आ रहे हैं । राहुल गांधी बुधवार को मानगढ़ धाम आ रहे हैं, जहां 9 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे। दरअसल मानगढ़ धाम आदिवासियों की आस्था का श्रद्धा का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है। विधानसभा की की सीटों मे से यहां से राजस्थान व मध्यप्रदेश की आदिवासी सीटों को साधा जा सकता है। यही काम राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 माह पहले मानगढ़ धाम के विकास के लिए राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सरकार को विकास की कार्य योजना बनाने का बोलकर गए थे। अभी तक मानगढ़ धाम के विकास का खाका तैयार नहीं हुआ, लेकिन राजस्थान व मध्यप्रदेश के चुनावों की इबारत यहीं से लिखी जा रही है। बहरहाल दो दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश के सागर में बड़ी सभा करने वाले हैं। अब बात करते हैं विधानसभा चुनावों की सियासत की। राजस्थान में कुल विधानसभा सीटों में 59 सीटें आरक्षित हैं, इसमें 25 सीटें अनुसूचित जाति और 34 सीटें अनुसूचित जनजाति की हैं। वहीं मध्यप्रदेश में कुल 230 सीटों में से 82 सीटें आरक्षित हैं, जिनमें 47 अनुसूचित जाति और 35 जनजाति के लिए हैं। दोनों प्रदेशों में 141 सीटें हैं, इन्हीं सीटों के लिए दोनों ही पार्टी संदेश देना चाहती है। राजस्थान की बात करें तो उदयपुर व बांसवाड़ा संभाग मिलाकर 35 सीटें होती है। इसमें अनुसूचित जाति की दो और जनजाति की 16 सीटें हैं। सामान्य वर्ग की 17 सीटें हैं। सियासी परंपरा यह है कि मेवाड़-वागड़ से अधिक सीटें जीतने वाली पार्टी ही सत्ता तक पहुंचती है। उदयपुर शहर से चुनाव जीतने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. मोहनलाल सुखाड़िया 17 साल तक मुख्यमंत्री रहे। इनके बाद बांसवाड़ा के हरिदेव जोशी, मेवाड़ के ही हीरालाल देवपुरा, भीलवाड़ा से शिवचरण माथुर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। इसके बाद मेवाड़ से कांग्रेस के डॉ. सीपी जोशी, डॉ. गिरिजा व्यास, भाजपा से गुलाबचंद कटारिया, कैलाश मेघवाल जैसे नेता सत्ता में बड़े पद पर काबिज हुए, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं बन सके। अब कांग्रेस और बीजेपी फिर मेवाड़-वागड़ को फोकस करना चाहती है। पिछले चुनावों में कांग्रेस यहां बहुत कमजोर हुई है, लेकिन इस बार कांग्रेस का फोकस मेवाड़-वागड़ पर ही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार दौरे कर रहे हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी इसी क्षेत्र से सांसद हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी लगातार मेवाड़ का दौरा कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो बार आ चुके हैं और जल्दी ही उनकी सभा इस क्षेत्र में की जा सकती है। बहरहाल राहुल गांधी की बुधवार को मानगढ़ धाम में होने वाली बड़ी सभा में आदिवासी समाज के लिए बड़ा संदेश दिया जा सकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद इस सभा में शामिल रहेंगे, उन्होंने बांसवाड़ा को संभाग बना दिया है। क्षेत्र के विकास के लिए गहलोत और भी घोषणा कर सकते हैं।