जयपुर। भाजपा के पूर्व प्रदेषाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने और कानून व्यवस्था नियंत्रण से बाहर होने के आरोप लगाए। इस दौरान पूर्व प्रदेषाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि इसी सप्ताह चुनाव आयोग द्वारा पांच राज्यों में चुनाव तारीखों की घोषणा की गई और उसके बाद सभी पांच राज्यों में आदर्ष आचार संहिता लागू हो गई। वहीं प्रदेश की कांग्रेस सरकार सत्ता जाने के भय से लगातार ट्रांसफर, घोषणाएं, और प्रलोभन देने के सभी तरीके अपना रही है। जिस दिन आचार संहिता लग रही थी उस दिन देर रात तक सचिवालय में ट्रांसफर और घोषणाओं की बंदरबाट चलती रही और खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन किया गया।
भाजपा के पूर्व प्रदेषाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि जिस दिन आचार संहिता लगी उसी दिन आरपीएससी के तीन सदस्यों की घोषणा की गई, राजस्थान राज्य कर्मचारी बोर्ड में दो नियुक्तियां, आर्थिक पिछड़ा वर्ग में नियुक्ति और पांच नए बोर्डों का गठन किया गया। ये सभी आचार संहिता का खुला उल्लंघन थे। मुख्यमंत्री अषोक गहलोत ये जानते थे कि आचार संहिता लगने के बाद जिन्हे बोर्ड का अध्यक्ष बना रहे हैं, उन्हे ना गाड़ी मिलने वाली है, ना स्टाफ मिलने वाला है क्योंकि यह केवल चुनावी घोषणा मात्र रह जाएगी। यह सब जानने के बावजूद मुख्यमंत्री द्वारा राज्यमंत्री का दर्जा देने की औपचारिकता की गई। पिछले 48 घंटे में चुनाव आयोग के पास 500 से अधिक आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पहुंची है। जिनमे से रिटर्निंग अफसर ने 134 को सही पाया और 115 शिकायतें ख़ारिज की है।
भाजपा के पूर्व प्रदेषाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने कहा कल ही मुख्यमंत्री गहलोत सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली गए थे, इस दौरान सरकारी गाड़ी में उनके साथ उनके सचिव भी सोनिया गांधी के घर साथ रहे जो कि सीधा सीधा आचार संहिता का उल्लंघन है। चुनाव आयोग के स्पष्ट निर्देश हैं कि मंत्री अपने किसी राजनीतिक काम के लिए कहीं जाएगा तो उनका स्टाफ उनके साथ नहीं जाएगा, उसके बाद भी स्वयं के सचिव उनके साथ जाते हैं। सोनिया गांधी के घर में बैठकर चुनाव संबंधी सरकार की योजनाओं के बारे में चर्चा करना सम्मिलित होकर के चुनाव को प्रभावित करने का काम किया है। पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री गहलोत को अपने फोटो दिखाने का शौक़ लगा है। सड़कों के ऊपर जितने भी होर्डिंग्स, बैनर और पोस्टर लगे हैं उनमें उनकी पार्टी के नेताओं के फोटो भी नहीं होते शायद ये कांग्रेस के लिए चिंता का विषय होगा।
भाजपा के पूर्व प्रदेषाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने कहा हम चुनाव आयोग को पत्र लिखकर सरकारी योजनाओं में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के फोटो लगाने के खिलाफ षिकायत देंगे। मुख्य रूप से बिजली के बिल, गारंटी कार्ड, सरकारी पत्रक और जो स्मार्ट फोन बांटे गए हैं इन सभी पर मुख्यमंत्री ने अपना फोटो लगवाया हुआ है। आने वाले समय में जो पट्टे बांटने का काम होगा उस योजना में भी पट्टों पर मुख्यमंत्री गहलोत की फोटो लगाने का काम किया गया है। जिसके माध्यम से वोर्टस को प्रभावित किया जा सके। हम चुनाव आयोग से उम्मीद करते हैं कि वो इन सभी विषयों पर चिंता करेंगे और हमारी मांगो पर उचित कार्रवाई होगी। कानून व्यवस्था की स्थिति प्रदेश सरकार के नियंत्रण से बाहर है, जिस प्रकार से अलग अलग स्थानों पर सरकार के प्रतिनिधि, सरकार के नुमाइंदे या तो इन घटनाओं को नजरअंदाज कर रहें है, या जानबूझ कर क्राइम करने वालों के साथ खड़े हैं। प्रदेष की कानून व्यवस्था पूरी तरह जर्जर हो चुकी है, अराजकता का वातावरण है, जंगलराज की स्थिति बनी हुई है।
भाजपा के पूर्व प्रदेषाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदेश में आज की घटनाएं देखें तो अजमेर में बच्चों के सामने माँ के साथ बलात्कार की घटना, खाजूवाला में सरकारी स्कूल में नाबालिग बच्ची के साथ छेड़छाड़, उसमें एक शिक्षक लिप्त है, अगर इन सब मामलों को देखा जाए तो इस तरीके की घटनाएं बढ़ी है जिसमें शिक्षक ही वारदात में शामिल है। पाली में 15 वर्षीय बच्ची के साथ गैंगरेप, श्रीगंगानगर में थाने से महज 150 मीटर दूर एक व्यापारी की सुबह गोली मारकर हत्या कर दी गई। कुछ दिन पहले हुए विवाद को लेकर व्यापारी की ओर से पुलिस को शिकायत दी गई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि चुनाव आयोग पूरी सख्ती बरत रहा है कल ही तीन एसपी और एक कलेक्टर को हटाकर इस बात का मैसेज भी दिया गया है। राजस्थान के मुख्य चुनाव आयुक्त इन सब विषयों को लेकर अपनी तरफ से संज्ञान लेकर सरकार को निर्देशित करेंगे, अन्यथा भाजपा राष्ट्रीय चुनाव आयोग को इस संबंध में शिकायत करेंगी।