Home राजनीति राजसमंद जिले की विधानसभा सीटों पर कांटे की टक्कर

राजसमंद जिले की विधानसभा सीटों पर कांटे की टक्कर

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दिव्य गौड़ जयपुरराजसमंद जिले की चार विधानसभा सीटों पर पिछले 66 वर्ष में हुए 14 चुनावों के नतीजों का इतिहास बड़ा रोचक रहा है। चारों सीटों में से सबसे बड़ी जीत पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी के नाम रही है, वहीं सबसे छोटी जीत-हार नाथद्वारा में वर्ष 2008 के चुनाव में देखने को मिली, जिसकी चर्चा पूरे देश में हर चुनाव के वक्त होती रही है। जीत-हार के छोटे-बड़े अंतर में फंसे दिग्गज नेताओं में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हीरालाल देवपुरा का भी नाम आता है, तो नाथद्वारा सीट पर सबसे छोटी हार के साथ सबसे बड़ी जीत कांग्रेस नेता सीपी जोशी के नाम दर्ज है। भीम सीट पर 51 साल पहले हुए चुनाव में साढ़े 27 हजार वोटों की बड़ी जीत उल्लेखनीय है।

राजसमंद जिले की चार विधानसभा सीटों के चुनावी नतीजों के कुछ रोचक तथ्य निम्नलिखित हैं:

  • सबसे बड़ी जीत:
    • भीम सीट पर वर्ष 1972 में कांग्रेस के चिमन सिंह भाटी ने 27,566 मतों से जीत दर्ज की।
    • कुम्भलगढ़ सीट पर वर्ष 2013 में भाजपा के सुरेन्द्र सिंह ने 27,606 मतों से जीत दर्ज की।
    • राजसमंद सीट पर वर्ष 2013 में भाजपा की किरण माहेश्वरी ने 30,575 मतों से जीत दर्ज की।
    • नाथद्वारा सीट पर वर्ष 1985 में कांग्रेस के सीपी जोशी ने 26,190 मतों से जीत दर्ज की।
  • सबसे छोटी जीत:
    • भीम सीट पर वर्ष 2008 में भाजपा के हरि सिंह रावत ने 730 मतों से जीत दर्ज की।
    • कुम्भलगढ़ सीट पर वर्ष 1962 में एसडब्ल्यूए के गोविन्द सिंह ने 278 मतों से जीत दर्ज की।
    • राजसमंद सीट पर वर्ष 1957 में कांग्रेस के निरंजननाथ आचार्य ने 1,873 मतों से जीत दर्ज की।
    • नाथद्वारा सीट पर वर्ष 2008 में भाजपा के कल्याण सिंह चौहान ने 1 मत से हार दर्ज की।
  • सबसे छोटी हार:
    • भीम सीट पर वर्ष 2008 में कांग्रेस के लक्ष्मण सिंह ने 730 मतों से हार दर्ज की।
    • कुम्भलगढ़ सीट पर वर्ष 1962 में कांग्रेस के हीरालाल देवपुरा ने 278 मतों से हार दर्ज की।
    • राजसमंद सीट पर वर्ष 1957 में निर्दलीय कल्याणमल ने 1,873 मतों से हार दर्ज की।
    • नाथद्वारा सीट पर वर्ष 1985 में भाजपा के विजय सिंह झाला ने 26,190 मतों से हार दर्ज की।

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