राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लिमिटेड की बैठक में डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने टोल नीति में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दी। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश के सभी टोल बूथों पर टोल कलेक्शन फास्टैग से करवाने तथा सभी स्थानों पर रेट बोर्ड लगवाने के निर्देश दिए।
राजस्थान की टोल नीति में बदलाव को मंजूरी दी गई है। बुधवार को जयपुर में राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लिमिटेड की बैठक में डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने टोल नीति में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दी। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश के सभी टोल बूथों पर टोल कलेक्शन फास्टैग से करवाने तथा सभी स्थानों पर रेट बोर्ड लगवाने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि टोल बूथों पर फास्टैग लागू होने से आमजन को राहत मिलेगी।
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी बुधवार को आर.एस.आर.डी.सी बोर्ड मीटिंग की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने कहा है कि टोल नियमों में किये गये महत्वपूर्ण परिवर्तनों से टोल संवेदको में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। साथ ही टोल टैक्स कलेक्शन की प्रक्रिया नियमित एवं सुचारू होने से राजस्व में वृद्धि होगी।
वर्तमान में लागू टोल नीति को समय की जरूरत के अनुसार संशोधित किया गया है। वर्तमान में लागू संवेदक की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया समाप्त कर दी गई, जिससे अधिक संख्या में संवेदक निविदा प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे। टोल कान्ट्रेक्ट की अवधि 2 वर्ष से घटाकर 1 वर्ष कर दी गयी है, जिसे अधिकतम 3 माह बढ़ाया जा सकेगा।
जिन सडकों पर निविदाएं सफल नहीं हो रही है या टोल वसूली कार्य एक्सटेंशन पर चल रहे हैं, उन पर यह प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से लागू कर फास्टैग के आधार पर टोल टैक्स एकत्र करने का कार्य सुचारू किया जाएगा। रिडकोर द्वारा 50 फ़ीसदी से अधिक टोल प्लाजा पर मैन पावर कान्ट्रेक्ट के जरिये टोल एकत्र किया जा रहा है। उसी के अनुरूप दस्तावेज तैयार किया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने बोर्ड बैठक में कहा कि प्रदेश के स्टेट हाईवे महत्वपूर्ण स्थानों को कनेक्टीविटी प्रदान करते है और इन पर लाखों लोग गुजरते है। इनकी सुविधा के लिये इन स्टेट हाईवेज पर वे-साईड सुविधाएं जैसे रेस्टोरेन्ट, सुविधाऐं विकसित करने का तत्काल परीक्षण किया जाए।
उपमुख्यमंत्री ने आरएसआरडीसी भवन में स्थापित फास्टैग कमाण्ड सेंटर का निरीक्षण भी किया। इस सेन्टर के माध्यम से प्रदेश के सभी फास्टैग आधारित संचालित टोल प्लाजाओं की लाईव मॉनिटरिंग की जा सकती है। सभी टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से कमाण्ड सेंटर में लगी स्क्रीन्स पर टोल्स का लाईव व्यू उपलब्ध होता है।