कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति के समक्ष स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा राजस्थान के विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले 100 सिंगल नाम की सूची दी गई। राहुल गांधी ने इस सूची को देखकर सवाल खड़े किए किआखिर अगर सिंगल पैनल की सूची को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति क्या कुछ निर्णय करें। क्या कांग्रेस के पास और लोगों के नाम नहीं है अगर यही करना था तो फिर यह बैठक क्यों रखी गई सीधे ही सूची जारी की जानी चाहिए ।
उन्होंने स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही प्रभारी से सवाल किएआखिर यह सब सूची किसके कहने पर तैयार हुई है। इसका जवाब किसी के पास नेता के पास नहीं था और एनवक्त पर सूची जारी करने का मानस टाल दिया गया।
ऐसा कहा जा रहा है कि बिना विवाद वाली पहली सूची में अशोक गहलोत,सचिन पायलट,गोविंद सिंह डोटासरा और 22 मंत्रियों और कुछ बड़े नेता इसमें हरीश चौधरी, डॉ. रघु शर्मा,धीरज गुर्जर,जुबेर खान सहित कुछ और लोगों के नाम की सूची आने की संभावना बनी हुई है।
सीएम गहलोत की पुरजोर कोशिश रहती है कि वे खुद अपने समर्थकों की पैरवी कम करते हैं,बल्कि प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा,प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कुछ अन्य लोगों के माध्यम से अपनी बातों को रखवाते हैं। इस बार उनका यह दाव कुछ कमजोर नजर आ रहा है। जब राहुल गांधी ने सूची के नाम के अलावा और लोगों के नाम पूछे तो कोई नेता कुछ बताने में सक्षम नहीं हुआ। उन्होंने सर्वे के आधार पर और बातें पूछी तो और स्थिति खराब हो गई। इन सब बातों को लेकर सूची फिलहाल जारी होने के बजाय अटक गई है।
सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख भंवर जितेंद्र सिंह और सचिन पायलट ने स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा सिंगल नाम की सूची पर आपत्ती जताई है। उनका कहना था कि जिस प्रकार से सूची तैयार की गई है उसमें कुछ ऐसे नाम भी सामने आए हैं जिसको लेकर कांग्रेस के खिलाफ बगावत करने की सीधी जिम्मेदारी सामने आई थी। राहुल गांधी के दोनों करीबी नेताओं ने स्क्रीनिंग कमेटी के संयोजक गौरव गोगोई के समक्ष भी अपनी बात रखी। लेकिन उसका कोई खास असर नहीं हुआ तो फिर राहुल गांधी तक यह बात पहुंचाई।इसी का परिणाम रहा की केंद्रीय चुनाव समिति में यह सब कुछ देखने को मिला।
राहुल गांधी ने जिस प्रकार से राजस्थान में कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली सूची का बारीकी से पोस्टमार्टम किया है। यह सभी कोआश्चर्य में डालने वाला हैअब इसका क्या कुछ परिणाम आता है इसके लिए तो जब सूची आएगीउसी के बाद कुछ कहा जा सकता है। इन सब बातों से नाराज होकर राहुल गांधी अपने निर्धारित प्रेस कांफ्रेंस के लिए रवाना हो गए। इसके बाद सूची जारी होने की जगहअब अटक गई। सूची परराहुल गांधी के दिशा निर्देश के अनुसार फिर से मंथन शुरू हो गया। अब सूची में क्या कुछ बदलाव आएगा यह तो सूची आने के बाद ही पता चलेगा। लेकिन यह बात भी सही है कि सूची के जारी होने के साथ ही प्रदेश के महत्वपूर्ण नेताओं के राजनीतिक भविष्य का फैसला भी हो जाएगा