जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को संविदा पर मनरेगा और रीको में पदों को भरे जाने की मंजूरी दी। सीएम ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर परिसर में यूनानी महाविद्यालय खोले जाने को स्वीकृति भी प्रदान की है। इसके साथ ही पटवारी के अंशकालिक सहायक की कार्यावधि और पारिश्रमिक में बढ़ोतरी की है।.
सीएम ने कहा कि मनरेगा ग्रामीण क्षेत्र के विकास के साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजित करने में महत्वपूर्ण सिद्ध हुई है। योजना के तहत कार्यात्मक आवश्यकता को देखते हुए ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत स्तर पर कनिष्ठ तकनीकी सहायक के 2200 और लेखा सहायक के 400 रिक्त पदों को संविदा के आधार पर भरे जाने की मंजूरी दी है। उक्त कार्मिकों को मानदेय महात्मा गांधी नरेगा के मद से ही दिया जाएगा।.
गहलोत ने रीको में संविदा के आधार पर 10 पदों के सृजन को मंजूरी दी है। यह पद रीको के स्ट्रेटेजिक प्रोजेक्ट सेल के अधीन संचालित राजस्थान पेट्रोजोन, फिनटेक पार्क एवं फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्पलेक्स के लिए होंगे तथा राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स-2022 के तहत भरे जाएंगे। इन पदों में विषय विशेषज्ञ मार्केटिंग के 3, ऑफिस क्लर्क एवं कार्य सहायक के 2-2 तथा विषय विशेषज्ञ पेट्रोकेमिकल एवं केमिकल, स्टेनोग्राफर एवं ड्राइवर के 1-1 पद शामिल हैं।.
मुख्यमंत्री ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर परिसर में यूनानी महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति प्रदान की है। साथ ही, उन्होंने महाविद्यालय के संचालन के लिए नवीन पद सृजित किए जाने की भी मंजूरी दी है।.
मुख्यमंत्री द्वारा दी गई स्वीकृति के अनुसार महाविद्यालय के संचालन के लिए 8 शैक्षणिक पदों का सृजन होगा। इसी प्रकार, 24 अशैक्षणिक व हॉस्पिटल स्टाफ पदों का सृजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त बागवान, वार्ड ब्वॉय, एक्स-रे टेक्नीशियन एवं चपरासी आदि के 18 पद आउटसॉर्स एजेन्सी के माध्यम से तथा मेडिकल स्पेशलिस्ट, सर्जिकल स्पेशलिस्ट, पैथोलॉजिस्ट आदि विशेषज्ञों के 12 पद पार्ट टाइम आधार पर भरे जाने की भी स्वीकृति दी गई है।.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्व पटवारी द्वारा खरीफ एवं रबी की फसल की गिरदावरी एवं अन्य कार्यों में सहायता करने जाने वाले अंशकालिक सहायक (ग्राम प्रतिहारी) के नियोजन की अवधि को 4 माह से बढ़ाकर 6 माह करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके अतिरिक्त इन अंशकालिक सहायक को दिए जाने वाले पारिश्रमिक को भी 2 हजार रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 2500 रुपए प्रतिमाह किया है। मुख्यमंत्री द्वारा दी गई इस मंजूरी से ग्रामीण क्षेत्र में पटवारी को अपने कार्य संपादन में मदद मिलेगी और ग्रामीणों के राजस्व संबंधी कार्य सुगमता से होंगे।.