जयपुर। उत्तराखंड की तर्ज पर राजस्थान में भी समान नागरिक संहिता यानी यूनिवर्सल सिविल कोड (यूसीसी) लाए जाने पर विचार किया जा रहा है। सरकार और पार्टी के स्तर पर विचार विमर्श चल रहा है। राजस्थान में यूसीसी के लिए जल्द ड्राफ्ट कमेटी बनाए जाने की घोषणा होने के आसार है। अंदरखाने इस पर तैयारी शुरू कर दी गई है। यूसीसी के लिए ड्राफ्ट कमेटी बनाने का प्रस्ताव जल्द कैबिनेट में रखा जा सकता है।
यूसीसी के लिए जयपुर में धरना दे चुकीं गुजरात की सामाजिक कार्यकर्ता तंजीम मेरानी को आज लिखी चिट्ठी में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने यूसीसी लाने की बात कही है। लिखा- समान नागरिक संहिता के संबंध में ड्राफ्ट कमेटी बनाने का विषय जल्द मंत्रिपरिषद की बैठक में रखा जाएगा। संवैधानिक प्रक्रिया के अनुरूप आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दिलावर बोले- सरकार आज नहीं तो कल यूसीसी लाएगी, लेकिन कानून लाएगी
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- सबके लिए समान कानून होना ही चाहिए। अलग-अलग कानून होते हैं तो उससे नुकसान होते हैं। इससे एकरूपता और एकता दिखाई नहीं देती। पूरा देश एक होना चाहिए, एकरूपता हो। सरकार आज नहीं तो कल यूसीसी लाएगी, लाएगी तो सही। कब लाती है, यह मैं अभी कह नहीं सकता।
लोकसभा चुनाव से पहले मैसेज देने की कोशिश
उत्तराखंड में यूसीसी बिल पारित होने के बाद अब राजस्थान में भी मैसेज देने की तैयारी है। बीजेपी का कोर वोट बैंक और हिंदुवादी संगठन लंबे समय से समान नागरिक संहिता की मांग करते रहे हैं। बीजेपी ने भी इसे अपने कोर एजेंडे में रखा हुआ है। ऐसे में अब राजस्थान में भी इस पर काम शुरू कर दिया है।
यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए जल्द कमेटी संभव
यूसीसी बिल का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए पहले कमेटी बनेगी। इस कमेटी में मंत्रियों, विधि विशेषज्ञों और अफसरों को रखा जा सकता है। ड्राफ्ट तैयार करके इस पर जनता से सुझाव मांगे। फिर इसे विधानसभा में बिल के तौर पर पेश किया जाएगा।
उत्तराखंड के यूसीसी में बहुविवाह पर रोक, लिव इन रिलेशन में रहने वालों के रजिस्ट्रेशन का प्रावधान
बता दें कि उत्तराखंड के यूसीसी बिल में हर धर्म के लोगों पर बहुविवाह प्रतिबंधित करने का प्रावधान किया है। लिव इन में रहने वालों के लिए भी सख्त प्रावधान है। लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। बिना रजिस्ट्रेशन कार्रवाई का प्रावधान किया है। खून के रिश्ते या निकट पारिवारिक रिश्ते वालों के लिव इन रजिस्टर्ड नहीं होंगे। इसके कई प्रावधानों को लेकर एक वर्ग नाराजगी जता रहा है।
उत्तराखंड में बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था। उत्तराखंड यूसीसी बिल के प्रावधान एसटी के लोगों पर लागू नहीं होंगे।
राजस्थान में उत्तराखंड के बिल का अध्ययन होगा
राजस्थान में उत्तराखंड के यूसीसी बिल का अध्ययन होगा। सरकार जब ड्राफ्ट कमेटी बनाएगी तो वह समान नागरिक संहिता कानून में कुछ अलग प्रावधान भी करेगी। राजस्थान में ड्राफ्ट कमेटी बनने के बाद ही बिल की दिशा तय होगी। माना जा रहा है कि ज्यादातर प्रावधान उत्तराखंड वाले ही हो सकते हैं, लेकिन स्थानीय हालातों के मुताबिक कुछ नए प्रावधान भी जोड़े जा सकते हैं।